झिरपा में चार पिंजरे लगाकर पकड़े 102 बंदर
छिंदवाड़ा झिरपा में चार पिंजरे लगाकर पकड़े 102 बंदर
डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। परासिया। बंदरों से त्रस्त झिरपा और आसपास के गांवों में लोगों में एकजुट होकर परेशानी का हल निकाला। दो दिन में 4 पिंजरों की मदद 102 बंदर पकड़ाए। इन बंदरों को सीताडोंगरी के समीप सतपुड़ा राष्ट्रीय वन उद्यान के बफर जोन में देनवा नदी के समीप छोड़ा गया। इस कार्य के लिए ग्रामीणों ने मथुरा से आए दल को ३ सौ रुपए प्रति बंदर का भुगतान कर रहे हैं। इसके लिए ग्रामीणों ने चंदा करके राशि जुटाई है।
मामला वन परिक्षेत्र झिरपा अंतर्गत सीमावर्ती पंचायत झिरपा और मुख्य मार्ग पर बसे उसके आश्रित गांवों में बंदरों की समस्या डेढ़ दशक से बनी हुई है। बंदरों के झुंड ने मेन रोड पर बसे गांवों और उसके आसपास क्षेत्र को अपना आसरा बना लिया था। पर्यटकों द्वारा दिए जाने वाली खाने की सामग्री से उन्हें आसानी से आहार मिल जाता है। जरूरत पडऩे पर ये बंदरों की टोली किसी घर अथवा दुकान में धावा बोलकर आहार जुटा लेती है। शनिवार को मथुरा से बंदर पकडऩे तीन सदस्यीय टीम आई। जिन्होंने झिरपा पंचायत भवन और वन विभाग के विश्राम गृह के समीप पिंजरा लगाया। दो दिनों में पकड़े गए सभी बंदरों को रविवार शाम को अन्य वन क्षेत्र में ले जाकर छोड़ा गया। यह टीम पांच दिनों तक झिरपा में बंदर पकडऩे का कार्य करेगी। उपवन परिक्षेत्र अधिकारी बडग़ू लाल उइके कहते हैं कि जब तक सभी बंदरों को पकडक़र अन्य जगह छोड़ा नहीं जाएगा, तब तक यह कार्रवाई जारी रहेगी। बंदरों को पकडऩे का अभियान वन विभाग और ग्रामीणों की स्थानीय समिति की देखरेख में किया जा रहा है। अभियान के दौरान इस बात का ध्यान रखा जा रहा है कि किसी भी बंदर को चोट न पहुंचे।