बिना अध्यक्ष के एसटी आयोग का कामकाज ठप, मामलों पर नहीं हो रही सुनवाई

  • एसटी आयोग का कामकाज ठप
  • नहीं हो रही सुनवाई

Bhaskar Hindi
Update: 2023-09-04 15:29 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली. राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष का पद पिछले 2 महीने से भी अधिक समय से खाली है। इससे मामलों की सुनवाई के साथ इनके निपटान की भी रफ्तार धीमी पड़ गई है। नतीजतन लंबित मामलों का अंबार और भी बढता जा रहा है। आयोग के एक अधिकारी के अनुसार वर्तमान में चार हजार से भी अधिक मामले आयोग में लंबित है जिन पर सुनवाई पूरी तरह से बंद है। जिससे आदिवासियों को न्याय के लिए प्रतीक्षा करनी पड़ रही है।

आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि आयोग में वर्तमान में कुल पंजीकृत 4659 मामले लंबित है। इनमें सबसे ज्यादा 1614 केसेस आदिवासियों के विकास से संबंधित है। एट्रोसिटी के 886, नौकरियों से संबंधित 746 मामले और 977 केसेस प्रादेशिक कार्यालयों में लंबित है, जिन पर सुनवाई पूरी तरह से बंद है। फिलहाल आयोग में प्रशासनिक कामकाज चल रहा है। उन्होंने कहा कि आदिवासियों के लिए आयोग एक न्यायालय है, जहां उन्हें बिना पैसे खर्च किए न्याय मिलता है, लेकिन आयोग का अध्यक्ष पद ही खाली पडा होने के कारण आदिवासियों को न्याय की प्रतीक्षा करनी पड़ी रही है।

गौरतलब है कि बीते 26 जून 2023 को हर्ष चौहान ने कार्यकाल समाप्ति के पहले ही अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। चौहान के इस्तीफे के साथ अब आदिवासी पैनल में अध्यक्ष पद खाली है और इसमें अनंत नायक के अलावा कोई भी सदस्य नहीं है।

25-25 वर्षों से पदों पर जमे हुए है कई अधिकारी

अधिकारी का कहना है कि अनुसूचित जनजाति आयोग का अध्यक्ष के बिना कामकाज फिलहाल भगवान भरोसे चल रहा है। यहां ऐसे कई अधिकारी है जिनके तबादले नहीं हुए है और 25-25 व र्षों से अपने पदों पर जमे हुए है। इसके कारण आयोग में भ्रष्टाचार भी पनप रहा है। इसके अलावा प्रादेशिक कार्यालयों स्थिति भी काफी दयनीय है। कई कार्यालयों में कर्मचारियों की उपस्थिति दर्ज नहीं होने के बावजूद वेतन उठा रहे है।

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