ई-कोर्ट मिशन के तीसरे चरण को मंजूरी
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डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने बुधवार को चार वर्षों के लिए 7210 करोड़ रुपये के वित्तीय परिव्यय के साथ ई-कोर्ट मिशन के तीसरे चरण को मंजूरी दे दी है। इसके तहत कोर्ट की कार्रवाईयों को कोर्ट की कार्रवाईयों और फैसलों आदि को ऑनलाइन किया जा जा रहा है।
सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कैबिनेट की बैठक के बाद मीडिया को बताया कि ई-कोर्ट मिशन का उद्देश प्रौद्योगिकी के माध्यम से आम जन तक न्याय सेवाओं की पहुंच को बेहतर बनाना है। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग जिनके पास प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल की सुविधा नहीं है वह ई-सेवा केन्द्रों के माध्यम से न्यायिक सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं।
राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस योजना के तहत ई-कोर्ट परियोजना वर्ष 2007 से ही लागू है। सरकार के मुताबिक मिशन के पहले दो चरण में 18 हजार से ज्यादा कोर्ट में कामकाज का कंप्यूटरीकरण किया गया है और इन कोर्ट को हार्डवेयर और नेटवर्क कनेक्टिविटी दी गई है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ई-कोर्ट मिशन के तीसरे चरण का उद्देश न्याय प्रणाली को ऑनलाइन और पेपरलेस कोर्ट स्थापित करना है। जिससे न्यायिक व्यवस्था को लोगों के लिए ज्यादा सुगम, किफायती और पारदर्शी बनाया जा सकेगा। इसके साथ ही क्लाउड स्टोरेज की व्यवस्था भी की जाएगी जिसमें केस रिकॉर्ड, सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन, इलेक्ट्रॉनिक सबूत और लाइव स्ट्रीमिंग के आंकड़ों को जमा किया जाएगा। साथ ही सभी कोर्ट कॉम्प्लेक्स में कुल 4400 ई सेवा केंद्र की स्थापना की जाएगी।