राकांपा में बगावत विपक्षी एकता के लिए भी बड़ा झटका, 48 सीटों वाले महाराष्ट्र से थी बड़ी उम्मीद

  • विपक्षी एकता के लिए भी बड़ा झटका
  • राकांपा में बगावत का असर
  • 48 सीटों वाले महाराष्ट्र से थी उम्मीद

Bhaskar Hindi
Update: 2023-07-02 15:17 GMT

डिजिटल डेस्क, अजीत कुमार, नई दिल्ली। महाराष्ट्र में अचानक उठे सियासी बवंडर ने न केवल प्रदेश की सियासी तस्वीर बदल दी है, बल्कि इसके बाद विपक्षी एकता के हो रहे प्रयासों पर भी काले बादल मंडराने लगे हैं। अजित पवार के साथ राकांपा विधायकों को अपने साथ लाकर भाजपा ने जहां मिशन-2024 की अपनी मुहिम को मजबूत करने की कोशिश की है तो वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ एकजुट होने की कोशिश में लगे विपक्षी दलों को जोर का झटका है।

दरअसल विपक्षी एकता के सूत्रधारों ने मिशन-2024 के तहत महाराष्ट्र से बड़ी उम्मीद लगा रखी थी। लेकिन अजित पवार की बगावत ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। विपक्ष को भरोसा था कि कांग्रेस, राकांपा और शिवसेना (उद्धव गुट) की जुगलबंदी 2024 के चुनाव में कारगर होगी और 48 लोकसभा सीटों वाले महाराष्ट्र में भाजपा को जबर्दस्त नुकसान होगा। लेकिन मोदी-शाह के इस मास्टर स्ट्रोक से शरद पवार सरीखे धुरंधर भी चित्त हो गए।

बंगलूरू बैठक में दिखेगा ‘पवार’ इफेक्ट

विपक्षी एकता के लिए हो रहे प्रयासों में शरद पवार की भूमिका अहम रही है। वे विपक्ष के सबसे अनुभवी नेता हैं और विपक्षी गठबंधन के लिए न्यूनतम साझा कार्यक्रम बनाने की जिम्मेदारी भी उनके कंधों पर आने वाली थी। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि अपनी पार्टी पर नियंत्रण खो चुके पवार की अब 13-14 जुलाई को बंगलूरू में होने वाली बैठक में कितनी अहमियत रहेगी? बता दें कि पिछले दिनों शरद पवार ने ही घोषणा की थी कि विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक 13-14 जुलाई को अब बंगलूरू में होगी। सूत्र बताते हैं कि महाराष्ट्र में हुए ताजा घटनाक्रम के बाद विपक्षी एकता के सूत्रधार बनकर उभरे नीतीश कुमार, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और कांग्रेस में भी खलबली है।

ऐसे ही तार-तार होती दिखेगी विपक्षी एकता : कुशवाहा

महाराष्ट्र के सियासी घमासान पर पूर्व केन्द्रीय मंत्री और राष्ट्रीय लोक जनता दल के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ने तंज कसा है। उन्होंने कहा कि इस घटना से पता चलता है कि विपक्षी एकता का जो शिशु है, वो गर्भ में ही विकलांग है। नीतीश कुमार पर व्यंग्य करते हुए कहा कि यह इसलिए भी होना था कि जिस मां के गर्भ में विपक्षी एकता का शिशु था, वो मां ही कुपोषित है तो बच्चे की स्थिति क्या होगी। इंतजार कीजिए, देखिए आगे-आगे क्या होता है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की तरह आने वाले दिनों में देश के कई जगहों पर विपक्षी एकता तार-तार होती हुई दिखेगी।




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