सेवाभाव: आर्ट ऑफ गिविंग के माध्यम से जन कल्याण में जुटे प्रोफेसर सामंत
- कीस में 40 हजार आदिवासी बच्चों को मुफ्त में मिलती है शिक्षा
- जन कल्याण में जुटे प्रोफेसर सामंत
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली. विश्व का प्रथम आदिवासी आवासीय डीम्ड विश्वविद्यालय ‘कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज’ (कीस) में 65 देशों के 40 हजार से अधिक आदिवासी विद्यार्थियों को मुफ्त शिक्षा दे रहे प्रो अच्युत सामंत अब दुनिया के कल्याण के लिए ‘आर्ट ऑफ गिविंग’ का सहारा लेंगे। प्रो सामंत, जो कंधमाल से लोकसभा सदस्य भी हैं, ने वर्ष 2024 के लिए ‘आर्ट ऑफ गिविंग थीम’ जारी किया। दरअसल कीट और कीस के माध्यम से 80 हजार विद्यार्थियों को पढ़ा रहे सामंत को 17 मई 2013 को आर्ट ऑफ गिविंग का आत्मबोध हुआ और तब से इस दिन को दुनिया के लगभग 120 देशों में उत्साह के साथ आर्ट ऑफ गिविंग दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि 2024 के आर्ट ऑफ गिविंग थीम के माध्यम से एक अवधारणा जीवन की एक वास्तविक क्रिया-प्रक्रिया बन जाएगी।
यह जिंदगी का एक अभिन्न हिस्सा बन जाएगी,क्योंकि इसमें फोकस देने पर है, चाहे वह पैसा हो, समय हो या फिर अन्य प्रकार का समर्थन। सांसद ने कहा कि यह जीवन दर्शन भौेतिकवाद से बहुत ऊपर है क्योंकि यह भावनात्मक संबंधों और खुशियों पर जोर देता है। यह देने वाले और प्राप्तकर्त्ता दोनों को अनुभव कराता है।