सियासी लगाम!: पशुपति का कद बढ़ा चिराग को नियंत्रित करेगी भाजपा!, कई मसलों पर असहज है भाजपा
- शाह के साथ पारस की हो चुकी है बैठक
- कई मसलों पर चिराग की मुखरता से असहज है भाजपा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली. केन्द्रीय मंत्री और लोजपा (आर) के अध्यक्ष चिराग पासवान का मोदी सरकार के कुछ फैसलों पर सवाल उठाना भाजपा को रास नहीं आ रहा है। लिहाजा सरकार का नेतृत्व कर रही भाजपा ने एक रणनीति के तहत अब पूर्व केन्द्रीय मंत्री और चिराग के चाचा पशुपति पारस को ज्यादा तबज्जो देना शुरू कर दिया है। सूत्र बताते हैं कि भाजपा नेतृत्व हाशिए पर जा चुके पशुपति पारस का कद फिर से बढ़ाने की तैयारी में है। पूर्व केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान के छोटे भाई पशुपति पारस को जल्द ही किसी राज्य का राज्यपाल बनाया जा सकता है या फिर किसी बोर्ड या आयोग के प्रमुख की जिम्मेदारी दी जा सकती है। भाजपा की रणनीति पशुपति का कद बढ़ाकर चिराग पासवान पर लगाम लगाने की है, जो कई मसलों पर केन्द्र सरकार के फैसलों पर सवाल उठा चुके हैं। केन्द्रीय मंत्री आरक्षण में क्रीमी लेयर, लेटरल एंट्री और एससी-एसटी के आरक्षण में उप-वर्गीकरण के मसले को मुखरता से उठा चुके हैं। हालांकि भाजपा नेतृत्व ने चिराग के इस आक्रामकता पर सार्वजनिक रूप से कोई बयान नहीं दिया है, लेकिन उनकी अति सक्रियता से भाजपा असहज जरूर है।
शाह के साथ पारस की हो चुकी है बैठक
सूत्र बताते हैं कि चिराग को नियंत्रित करने के मकसद से ही पिछले दिनों बिहार भाजपा के अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने पशुपति पारस के पटना स्थित आवास जाकर उनसे लंबी मंत्रणा की है तो वहीं दिल्ली में पारस की केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भेंट हुई है। सूत्रों की मानें तो इसी बैठक में पशुपति पारस को जल्द कहीं ‘सेट’ करने का आश्वासन मिला है। शाह से मुलाकात के बाद पारस भी जोश में हैं और अगले साल होने वाले बिहार विधानसभा के चुनाव में एनडीए की दो-तिहाई बहुमत से सरकार बनने की भविष्यवाणी करने लगे हैं।