दावा: भारत के सहकारी आंदोलन में क्रांति ला सकता है पैक्स - संघानी
- क्रांति ला सकता है पैक्स
- संघानी ने कहा भारत के सहकारी आंदोलन में क्रांति होगी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली. इफको के चेयरमैन दिलीप संघानी ने कहा है कि केंद्र सरकार के अगले पांच साल में देश में 3 लाख प्राथमिक कृषि सहकारी ऋण समितियां (पैक्स) बनाने का नीतिगत निर्णय न केवल देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में क्रांति लाने वाला है, बल्कि यह किसानों के हाथ में मोल-तोल की शक्ति प्रदान करेगा। विश्व सहयोग आर्थिक मंच द्वारा आयोजित एक वेबिनार में संघानी ने कहा कि सहकारिता सामाजिक एवं समन्वित अर्थव्यवस्था को एकीकृत करने का उत्प्रेरक और जमीनी स्तर पर आर्थिक संतुलन स्थापित करने का कारक बन गई है। इसके मद्देनजर जिला प्रशासन को बदलते समय में सार्वजनिक कार्यों के प्रबंधन और सामाजिक एवं समन्वित अर्थव्यवस्था की जरूरतों के हिसाब से स्वयं को ढाल लेने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था को नए उभरते सहकारी आर्थिक ढांचे के साथ मिलकर काम करना चाहिए, जो कि सार्वजनिक सेवा डिलीवरी की सभी चुनौतियों को सुलझा सकता है। डिलीवरी मॉडल बना सकता है, लागत के अनुपात में दाम दे सकता है और बेहतर तरीके से स्पष्ट नीतियां लागू करने में सहायक हो सकता है।