बढ़ते कदम: भारत -ओमान के बीच व्यापारिक रिश्ते और मजबूत, भारतीय श्रमिकों के कामकाज से इजरायल संतुष्ट

  • भारत और ओमान के बीच व्यापारिक रिश्ते को और मजबूती देंगे डॉ राणा
  • इजरायल ने एनएसडीसी को पत्र लिखकर कहा- और श्रमिक भेजो
  • भारत नागरिक उड्‌डयन क्षेत्र में दुनिया का सबसे बड़ा बाजार बनेगा : मोहोल

Bhaskar Hindi
Update: 2024-09-12 15:43 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ओमान-भारत व्यापार परिषद के नवनियुक्त व्यापार आयुक्त डॉ के एस राणा ने हाल ही में हुई ओमान सल्तनत के भारत यात्रा को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि अखिल भारतीय जीसीसी परिषद-ओमान की ओर से व्यापार आयुक्त के रूप में वे दोनों देशों के बीच के व्यापारिक रिश्ते को और मजबूत करेंगे। डॉ राणा ने यहां भारत-ओमान व्यापार सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि विभिन्न संस्थानाअों और भारत सरकार में विभिन्न पदों पर काम करते हुए वे अकादामिक उद्योग के बीच संपर्क को मजबूत कर पाए हैं और वे इसका इस्तेमाल ओमान और हमारे संस्थानों के बीच सहयोग को और आगे बढ़ाने में करेंगे। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के संबंधों को मजबूत करने के लिए ‘भारत-ओमान संयुक्त दृष्टिकोण-भविष्य के लिए साझेदारी’ को अपनाया जा रहा है। इस संयुक्त दृष्टिकोण में विभिन्न क्षेत्रों में 10 कार्य बिंदुओं पर सहमति व्यक्त की गई है। डॉ राणा ने उम्मीद जताई कि व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (सीईपीए) पर चर्चा चल रही है और भारत और ओमाान दोनों जल्द ही इस समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे। इस अवसर पर भारत में ओमान के राजदूत सालेह अब्दुल्ला अलशिबनी सहित कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।

भारतीय श्रमिकों के कामकाज से संतुष्ट है इजरायल, एनएसडीसी को पत्र लिखकर कहा- और श्रमिक भेजो

उधर इजरायल सरकार ने भारत से वहां पहुंचे कंस्ट्रक्शन वर्कर्स के कामकाज को संतोषजनक बताया है और शीघ्र ही 1,000 से अधिक भारतीय कंस्ट्रक्शन वर्कर्स के इजराइल पहुंचने की उम्मीद जताई हे। दरअसल भारत और इजरायल सरकार के बीच हुए द्विपक्षीय समझौते के तहत भारत से अब तक लगभग 5 हजार कुशल मजदूर इजराइल पहुंचे हैं। इजरायल की सरकारी संस्था पोपुलेशन एंड इमिग्रेशन ऑथोरिटी के महानिदेशक इयाल सिसो ने केन्द्रीय कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के तहत आने वाले नेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (एनएसडीसी) के महानिदेशक वेदमणि तिवारी को पत्र लिखकर यह बात कही है। दरअसल इजरायल सरकार का यह स्पष्टीकरण उस खबर के मद्देनजर आया है, जिसमें कहा गया था कि निर्माण के क्षेत्र में अकुशल होने के चलते 500 से ज्यादा भारतीय कामगारों को इजरायल से वापस आना पड़ा है। खबर मंे यहां तक कहा गया कि इजरायल भारतीय श्रमिकों के कामकाज से संतुष्ट नहीं है, क्योंकि उनमें से कई श्रमिकों को हथौड़ा तक चलाना नहीं आता। इयाल सिसो ने कहा कि बीते कुछ महीनों में 4,800 से अधिक भारतीय मजदूर इजरायल पहुंचे हैं और उन सभी की सुविधा का पूरा ख्याल रखा जा रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि अगले कुछ दिनों में अतिरिक्त 1,000 कुशल मजदूर इजरायल पहुंच जाएंगे। पोपुलेशन एंड इमिग्रेशन ऑथोरिटी ने कहा कि यहां विभिन्न कंपनियों के साथ काम कर रहे भारतीय मजदूर भी काम के बदले मिल रहे पैसे और माहौल से पूरी तरह संतुष्ट हैं।

महाराष्ट्र में चलेगा अगला भर्ती अभियान!

बता दें कि भारत से इजरायल गए कंस्ट्रक्शन वर्कर्स को हर महीने लगभग 1,560 अमेरिकी डॉलर वेतन मिल रहा है। जानकारी के मुताबिक इजरायल ने भारत से और 10 हजार कंस्ट्रक्शन कर्मी मांगे हैं। सूत्र बताते हैं कि कंस्ट्रक्शन वर्कर्स के लिए भर्ती का अगला अभियान महाराष्ट्र में चलेगा।

भारत नागरिक उड्‌डयन क्षेत्र में दुनिया का सबसे बड़ा बाजार बनेगा : मोहोल

वहीं केंद्रीय नागरिक उड्‌डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने कहा कि भारत को दुनिया का सबसे बड़ा विमानन बाजार बनाने के लिए नए हवाई अड्‌डे, नए हवाई मार्ग बनाने और नागरिक उड्‌डयन क्षेत्र के सतत विकास का काम प्रगति पर है। प्रगति मैदान के भारत मंडपम में एशिया-प्रशांत मंत्रिस्तरीय नागरिक उड्‌डन सम्मेलन का आयोजन हुआ, जिसमें 29 देशों के नागरिक उड्‌डयन मंत्रियों ने भाग लिया। इस सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए राज्य मंत्री मोहोल ने अपने संबोधन में यह बात कही। उन्होंने कहा कि भारत जल्द ही नागरिक उड्‌डयन क्षेत्र में दुनिया का सबसे बड़ा बाजार बन जाएगा। उन्होंने कहा कि नागरिक उड्डयन क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाना भारत सरकार की नीति है। तद्नुसार 2025 तक लक्ष्य तय किया गया है कि भारतीय विमानन क्षेत्र में कार्यरत कुल कार्यबल में 25 प्रतिशत महिलाएं हों। साथ ही विमानन क्षेत्र को पर्यावरण के अनुकूल बनाने के लिए विमानन ईंधन के टिकाऊ विकल्प उपलब्ध कराए जाएंगे और नए हवाई अड्डों को पूरी तरह से पर्यावरण के अनुकूल बनाया जा रहा है। सम्मेलन में जापान, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, फिलीपींस, इंडोनेशिया, मलेशिया समेत दुनिया भर के 29 देशों के विमानन मंत्री, राजदूत और अधिकारी शामिल हुए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में सम्मेलन संपन्न हुआ।

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