नाकामी: मध्यप्रदेश सहित पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में अपनी एकता दिखाने में नाकाम इंडिया गठबंधन, नीतीश की बढ़ रही दूरी
- भाव नहीं मिलने से कांग्रेस से खफा हो रहे क्षेत्रीय दल
- लोेस चुनाव में दिखेगा भरोसे के संकट का असर
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली, अजीत कुमार. 2024 में भाजपा को सत्ता से बेदखल करने की कोशिश में जुटा विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन मध्यप्रदेश सहित पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में अपनी एकता दिखाने में नाकाम रहा है। गठबंधन के घटक दलों सपा, जदयू और आम आदमी पार्टी ने चुनावी राज्यों में अपने उम्मीदवार उतारकर न केवल कांग्रेस बल्कि विपक्षी गठबंधन की मुश्किल भी बढ़ा दी है। हालांकि कांग्रेस कह रही है कि इंडिया गठबंधन लोकसभा चुनावों के लिए बना है, विधानसभा चुनावों के लिए नहीं। लेकिन कांग्रेस का यह तर्क क्षेत्रीय दलों के गले नहीं उतर रहा।
कांग्रेस मध्यप्रदेश में भाजपा से सीधे मुकाबले में अपनी जीत को लेकर आश्वस्त दिख रही है, लेकिन गठबंधन में शामिल सपा, जदयू और आप जैसे क्षेत्रीय दलों ने अपने उम्मीदवार उतारकर उसकी पेशानी पर बल ला दिया है। स्पष्ट है कि इससे कई सीटों पर कांग्रेस को नुकसान होने की संभावना है। सियासी जानकार बताते हैं कि कांग्रेस और क्षेत्रीय दलों के बीच भरोसे के इस संकट का असर लोकसभा चुनाव के दौरान बिहार, उत्तरप्रदेश, दिल्ली और पंजाब में दिख सकता है। इन चार राज्यों में लोकसभा की कुल 140 सीटें हैं।
कांग्रेस से नीतीश की बढ़ रही दूरी
विशेष बात यह कि इंडिया गठबंधन बनाने के सूत्रधार रहे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और कांग्रेस के बीच दरार बढ़ती दिख रही है। नीतीश की नाराजगी का आलम यह कि उन्होंने बिहार के पहले मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह के जयंती कार्यक्रम का कांग्रेस का न्यौता ठुकरा दिया और उसी दिन बाहुबली नेता आनंद मोहन के घर कार्यक्रम में पहुंच गए। जबकि कांग्रेस के कार्यक्रम में राजद प्रमुख लालू यादव मौजूद रहे। इतना ही नहीं, नीतीश कुमार ने मध्यप्रदेश में बिना संगठन के ही 10 सीटों पर जदयू का उम्मीदवार उतारकर कांग्रेस से अपनी नाराजगी जता दी है।
संयोजक पद नहीं मिलने से असहज हैं नीतीश
माना जा रहा है कि इंडिया गठबंधन का संयोजक नहीं बनाए जाने के चलते नीतीश कांग्रेस से असहज हैं। हालांकि जदयू के महासचिव हर्षवर्द्धन सिंह मानते हैं कि पांच राज्यों का चुनाव संपन्न होने के बाद संयोजक पद को लेकर फिर से बात आगे बढ़ेगी। उन्होंने यह भी कहा कि अगर मध्यप्रदेश में जदयू कुछ सीटें जीतने में कामयाब रहता है तो लोकसभा चुनाव में प्रदेश की एक-दो सीटों पर पार्टी दावा करेगी।
उप्र में अखिलेश की चलेगी मर्जी!
मध्यप्रदेश में सीटों को लेकर सपा और कांग्रेस के बीच तू-तू मैं-मैं हो चुकी है। हालांकि कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के हस्तक्षेप से अभी शीतयुद्ध की स्थिति है, लेकिन सपा के सूत्र बताते हैं कि अखिलेश यादव लोकसभा चुनाव के दौरान उत्तरप्रदेश में कांग्रेस को उचित ‘जवाब’ देंगे। इसी प्रकार अरविंद केजरीवाल दिल्ली और पंजाब में अपनी चलाने की कोशिश करेंगे।