निशाना: सरकार ने एसबीआई पर दानदाताओं के नाम सार्वजनिक न करने का बनाया दबाव -कांग्रेस

  • इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी देने 5 माह का समय क्यों मांगा
  • कांग्रेस ने पूछा बड़ा सवाल

Bhaskar Hindi
Update: 2024-03-05 15:47 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया द्वारा इलेक्टोरल बॉन्ड डोनर के नाम सार्वजनिक करने के लिए पांच माह का समय मांगने पर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं। कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने एसबीआई पर लोकसभा चुनाव से पहले चुनावी बॉन्ड दाताओं के नाम सार्वजनिक न करने का दबाव बनाया है।

श्रीनेत ने कहा कि चुनावी बॉन्ड योजना की इकलौती सबसे बड़ी लाभार्थी भाजपा को डर है कि उसके चंदा देने वाले मित्रों की जानकारी सार्वजनिक होते ही उसकी बेईमानी और मिलीभगत का भंडाफोड़ हो जाएगा। इसलिए एसबीआई ने सुप्रीम कोर्ट से पांच माह का और समय मांगा है, जिसका साफ़ मतलब है कि चुनाव से पहले यह जानकारी सार्वजनिक न हो पाए।

उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने गत 15 फरवरी को इलेक्टोरल बॉन्ड योजना को असंवैधानिक करार देते हुए रद्द किया था। शीर्ष अदालत ने एसबीआई को आदेश दिया था कि छह मार्च तक इलेक्टोरल बॉन्ड डोनर के नाम सार्वजनिक किए जाएं और चुनाव आयोग के साथ साझा किए जाएं।

श्रीनेत ने पूछा कि देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई को सिर्फ 22,217 इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी देने के लिए पांच माह का समय क्यों चाहिए? उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के समक्ष स्टेट बैंक ने जानकारी देने के लिए नहीं, बल्कि भाजपा के कुकर्मों को छिपाने के लिये समय मांगा है।



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