मेघालय: इन्फ्रास्ट्रक्चर और कनेक्टिविटी बढ़ाने पर है फोकस - संगमा
- म्यूजिक इकोनॉमी तैयार करने पर हो रहा तेजी से काम
- मिशन मोड में है लाकाडोंग हल्दी मिशन
- जल्द जाम मुक्त होगा शिलांग!
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली, अजीत कुमार. पर्यटन की असीम संभावनाओं वाले मेघालय में बुनियादी ढांचे के विकास पर विशेष जोर है। मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने कहा कि शिलांग सहित अन्य पर्यटन स्थलों में बुनियादी ढांचे के साथ कनेक्टिविटी बढ़ाने पर तेजी से काम हो रहा है। पिछले पांच साल में शिलांग में दो बड़े होटल खुले हैं और अगले पांच साल में कई और बड़े होटल खुलेंगे। मुख्यमंत्री ने ‘दैनिक भास्कर’ से बात करते हुए कहा कि प्रदेश में पर्यटन स्थलों के विकास पर 2,500 करोड़ रूपये खर्च किया जा रहा है। भविष्य में शिलांग को अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे के रूप में विकसित करने का लक्ष्य है। तूरा में हवाई सेवा शुरू हो चुकी है।
संगमा ने कहा, “मैं चाहता हूं कि हमारे युवा सिर्फ सपने नहीं देखे, बल्कि वे सूजन करें और नेतृत्व करें। हम ऐसे राज्य का निर्माण करने में जुटे हैं जो रचनात्मकता, समावेशिता और स्थिरता को अपने में समेटे हुए हो”। मेघालय में हो रही सांस्कृतिक गतिविधियों पर कहा कि चेरी ब्लॉसम फेस्टिवल जैसे कार्यक्रमों से एक तरफ युवाओं में आत्मविश्वास बढ़ता है तो दूसरी तरफ इससे पर्यटकों को आकर्षित करने में मदद मिलती है। उन्होंने कहा कि सरकार की कोशिश प्रदेश में सिर्फ म्यूजिक इवेंट करना नहीं, बल्कि म्यूजिक इकोनॉमी तैयार करना है। इससे आर्थिक विकास के साथ बड़े पैमाने पर रोजगार भी सृजित होगा।
मिशन मोड में है लाकाडोंग हल्दी मिशन
संगमा ने लाकाडाेंग हल्दी मिशन पर बोलते हुए कहा कि इस पर मिशन मोड में काम हो रहा है। प्रसंस्करण इकाईयों की संख्या बढ़ाई जा रही है और मार्केटिंग की व्यवस्था की जा रही है। सरकार 50 हजार मीट्रिक टन हल्दी उत्पादन के लक्ष्य पर काम कर रही है। हल्दी उत्पादन से 45 हजार महिला स्वयंसहायता समूहों को जोड़कर महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त करने की योजना है। सीएम-एलिवेट कार्यक्रम के तहत राज्य के 20 हजार उद्यमियों के सपनों को साकार किया जा रहा है।
मोदी सरकार का मिल रहा पूरा साथ
मुख्यमंत्री संगमा ने कहा कि मेघालय के विकास में केन्द्र सरकार का पूरा साथ मिल रहा है। केन्द्र की ‘उड़ान योजना’ के तहत पूर्वोत्तर में हवाई सेवा शून्य से 70 प्रतिशत तक पहुंच गई है। पहले सड़क मार्ग से शिलांग से इंफाल तक 24 घंटे में पहुंचते थे, अब सिर्फ 30 से 40 मिनट लगता है। उन्होंने बताया कि मेघालय में तीन साल पहले सिर्फ एक प्रतिशत घरों में नल से जल पहुंचता था, अब 61 प्रतिशत घरों में नल से जल मिल रहा है। अगले साल मार्च तक मेघालय के 98 प्रतिशत घरों तक नल का जल मिलने लगेगा।
जल्द जाम मुक्त होगा शिलांग!
मुख्यमंत्री ने माना कि शिलांग में ट्रैफिक जाम एक बड़ी समस्या है। इस समस्या से निपटने के लिए शिलांग में सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा दिया जा रहा है और पर्याप्त संख्या में पार्किंग जोन बनाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पुराने सचिवालय को शिलांग से बाहर शिफ्ट किया जा रहा है। इससे बहुत हद तक जाम से राहत मिलेगी।