व्यापार: 2023-24 में 49 बिलियन अमरीकी डॉलर मूल्य के कृषि उत्पादों का हुआ निर्यात, ओएनडीसी का भी इंटरऑपरेबल क्यूआर कोड लॉन्च

  • सबसे ज्यादा इटली में पी जाती है भारतीय कॉफी
  • कृषि उत्पादों के निर्यात में एपीडा की अहम भूमिका
  • यूएई है भारतीय चाय का सबसे बड़ा कद्रदान
  • ओएनडीसी ने लॉन्च किया इंटरऑपरेबल क्यूआर कोड

Bhaskar Hindi
Update: 2024-07-30 15:12 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली. सरकार देश से कृषि और खाद्य उत्पादों के निर्यात पर विशेष फोकस कर रही है। वर्ष 2023-24 में भारत का कुल कृषि निर्यात 48.80 बिलियन अमरीकी डॉलर का रहा है। हालांकि यह राशि वर्ष 2022-23 हुए 53.13 बिलियन अमेरिकी डॉलर से कम है। केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने बताया कि सरकार की कोशिश चालू वित्त वर्ष यानी 2024-25 में कृषि उत्पादों का निर्यात पिछले वर्ष की तुलना में बढ़ाने की है। जितिन प्रसाद ने लोकसभा में लिखित उत्तर में बताया कि कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) लगातार कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के निर्यात संवर्धन गतिविधियों में जुटा है और इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने बताया कि भारत के कृषि उत्पादों के निर्यात में फलों और सब्जियों, मसालों, कॉफी, चाय और तंबाकू उत्पादों के क्षेत्र में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2023-24 में देश से सबसे ज्यादा 215 मिलियन अमरीकी डॉलर मूल्य के ताजे फल नीदरलैंड को निर्यात किए गए हैं। 219 मिलियन अमरीकी डाॅलर मूल्य की ताजी सब्जियां अकेले बांग्ला देश में पहुंची हैं। इसी प्रकार भारत से कॉफी का सबसे बड़ा आयातक इटली है जहां 208 मिलियन अमरीकी डॉलर की कॉफी निर्यात की गई है तो चाय का सबसे बड़ा आयातक संयुक्त अरब अमीरात है। भारत ने पिछले वर्ष संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) को सबसे ज्यादा 131 मिलियन अमरीकी डॉलर मूल्य की चाय निर्यात की गई है। जहां तक मसाले की बात है तो भारत से सबसे ज्यादा मसाले पड़ोसी देश चीन मंगाता है। पिछले वर्ष चीन को भारत ने 928 अमरीकी डॉलर मूल्य के मसाले निर्यात किया है।

ओएनडीसी ने लॉन्च किया इंटरऑपरेबल क्यूआर कोड

उधर सरकारी ई-कॉमर्स कंपनी ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ओएनडीसी) ने मंगलवार को इंटरऑपरेबल क्यूआर कोड लॉन्च किया। क्यूआर कोड लॉन्च करते हुए ओएनडीसी के एमडी और सीईओ टी कोशी ने कहा कि आज भारतीय कॉमर्स में बड़ बदलाव के क्षण हैं। ओएनडीसी का इंटरऑपरेबल क्यूआर कोड उन बाधाओं को तोड़ता है, जो छोटे बिजनेस को पीछे रखती हैं। जोशी ने कहा कि अब हर विक्रेता के पास ई-कॉमर्स दिग्गजों की तरह डिजिटल रूप से ग्राहकों तक पहुंचने की ताकत है। यह एक खुले, समावेशी और लोकतांत्रिक डिजिटल मार्केट की ओर एक बड़ी छलांग है। अब विक्रेता अपने क्यूआर कोड कहीं भी प्रदर्शित कर सकते हैं- स्टोरफ्रंट, उत्पाद, मार्केटिंग सामग्री या सोशल मीडिया पर ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों से ग्राहकों से तुरंत जुड़ सकते हैं। कोशी ने कहा कि दुकानदार, स्ट्रीट वेंडर, कारीगर को कोई भी कहीं भी खोज सकता है और उनका उत्पाद खरीद सकता है। यह सिर्फ एक नई सुविधा नहीं है, बल्कि यह आर्थिक विकास और डिजिटल समावेशन को बढ़ावा देने वाली तकनीक है।

क्या है ओएनडीसी?

केन्द्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने ओएनडीसी की शुरूआत 31 दिसंबर 2021 को की है। इसका उ्देश्य एक सुविधाजनक मॉडल के साथ डिजिटल कॉमर्स में व्यापक बदलाव लाना है, जो भारत में रिटेल ई-कॉमर्स की पहुंच को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ा देगा।

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