लोकसभा चुनाव: अवैध सामग्री जब्ती की जानकारी सार्वजनिक करने में कतरा रहा है चुनाव आयोग
- इस बार लोकसभा चुनाव में स्थिति कुछ अलग
- अवैध सामग्री जब्ती की जानकारी उपलब्ध नहीं
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली, सुनील निमसरकर, हर चुनाव के दौरान चुनाव आयोग की मशीनरी अवैध कैश और करोड़ों रुपयों की शराब जब्ती करती रही है और समय-समय पर आयोग इसकी जानकारी भी सार्वजनिक करता रहा है। इस बार के लोकसभा चुनाव में स्थिति कुछ अलग दिख रही है। चुनाव आयोग से अवैध सामग्री जब्ती की जानकारी उपलब्ध कराए जाने के लिए बार-बार अनुरोध करने के बावजूद वह इस मामले में चुप्पी साधे बैठा है। ऐसे में चुनाव आयोग की मंशा पर ही सवालियां निशान खड़े होते है कि वह अवैध सामग्री की जब्ती को लेकर गंभीर है भी, या नहीं।
चुनाव आयोग से करीब दो सप्ताह पहले अवैध सामग्री की जब्ती की जानकारी मांगे जाने पर उसने जल्द ही इसके आंकड़े जारी करने की बात कहीं थी। चुनाव आयोग के एक अधिकारी से आज इस संबंध में संपर्क किया और जानकारी उपलब्ध करने के बारे में पूछा तो उनसे कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला। उन्हें उनके द्वारा कहीं गई वह बात भी याद दिलाई की उन्होंने अवैध सामग्री की जब्ती के आंकड़े शीघ्र जारी करने की बात कही थी। जिसे आज 12-13 दिन से भी ज्यादा समय हो गया है। जानकारी क्यों नहीं दी जा रही है? क्या वजह है? लेकिन इस पर कोई जवाब नहीं दिया गया।
हालांकि, चुनाव आयोग ने अधिक सतर्कता के लिए 123 संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों को व्यय संवेदनशील निर्वाचन क्षेत्रों के रूप में चिन्हित किया है और इन निर्वाचन क्षेत्रों की निगरानी के लिए 781 व्यय पर्यवेक्षकों को तैनात किया है। जाहिर है यह अधिकारी चुनाव के दौरान धन-बल के आधार पर चुनाव जीतने का मंसूबा रखने वाले प्रत्याशी और राजनीतिक दलों के उम्मीदों पर पानी फेरने में जुटे होंगे। तो पकड़े गए अवैध सामग्री की जानकारी भी हर रोज चुनाव आयोग के पास पहुंच रही होगी। ऐसे में सवाल यह है कि चुनाव आयोग यह जानकारी हर रोज सार्वजनिक क्यों नहीं कर रहा है?