आरोप: चक्रव्यूह में फंसाकर मनरेगा की सुनियोजित इच्छामृत्यु की साजिश - कांग्रेस
- फंडिंग में देरी की वजह से समय पर नहीं हो पा रहा ऑडिट
- कांग्रेस का बयान
- मनरेगा की सुनियोजित इच्छामृत्यु की साजिश
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली. कांग्रेस ने मनरेगा को लेकर एक बार फिर मोदी सरकार को घेरा हे। पार्टी ने सरकार पर सोशल ऑडिट के फंड में देरी कर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) की ‘सुनियोजित इच्छामृत्यु’ का आरोप लगाया है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने दावा किया है कि मनरेगा की सामाजिक लेखा परीक्षा इकाईयां कई राज्यों में निष्क्रिय हालत में हैं। जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर लिखा, ग्राम सभा के द्वारा किया जाने वाला सोशल ऑडिट मनरेगा का एक अनिवार्य हिस्सा है। यह जवाबदेही सुनिश्चित करने और पारदर्शिता को बढ़ाने के लिए है- मूल रूप से इसका उद्देश्य भ्रष्टाचार पर रोक लगाना है। प्रत्येक राज्य में एक स्वतंत्र सोशल ऑडिट होता है, जिसे केन्द्र द्वारा सीधे फंड दिया जाता है, ताकि उसकी स्वायत्तता बरकरार रखी जा सके। अब इसकी फंडिंग में अत्यधिक देरी की बात सामने आ रही है”।
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि इसका नतीजा है कि सोशल ऑडिट समय पर नहीं हो पा रहा है। ऑडिट की इस पूरी प्रक्रिया से समझौता किया जाता है। इसके बाद मोदी सरकार इस स्थिति का इस्तेमाल राज्यों में फंड देने से इंकार करने के लिए एक बहाने के रूप में करती है। फंड नहीं मिलने के कारण वेतन आदि प्रभावित होते हैं। उन्होंने कहा कि यह और कुछ नहीं, बल्कि मनरेगा को सुनियोजित ढंग से चक्रव्यूह में फंसाकर इच्छामृत्यु देने जैसा है।