साक्षात्कार: अनुराग ठाकुर ने कहा - इंडिया गठबंधन है कहां, जो भाजपा के लिए चुनौती बनेगा

  • 2036 ओलंपिक दुनिया को अपनी खेल प्रतिभा दिखाने का बड़ा अवसर
  • बाक़ी देशों की एक बड़ी आबादी तेज़ी से बूढ़ी हो रही है
  • युवाओं का देश है भारत

Bhaskar Hindi
Update: 2024-02-09 12:57 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली, अजीत कुमार। केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण और युवा एवं खेल मामलों के मंत्री अनुराग ठाकुर ने विपक्ष को हताश व निराश बताया है। वे पूछते हैं कि ‘इंडिया’ ब्लॉक अब है कहां? वे कहते हैं कि अंतरिम बजट में कॉन्टीन्यूटी का कॉन्फिडेंस है। पेश है इन्हीं सब मसलों पर उनसे हुई बातचीत के प्रमुख अंश

प्रश्न : वर्ष 2036 ओलंपिक की मेजबानी को लेकर भारत की क्या तैयारी है? खेल के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की क्या योजना है?

उत्तर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 141वें अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति के सत्र में विश्व भर से आये लोगों के सामने यह संकल्प लिया था कि भारत युवा ओलंपिक 2030 और ग्रीष्मकालीन ओलंपिक 2036 मेजबानी करने के लिए हर संभव प्रयास करेगा। प्रधानमंत्री जी के संकल्प की सिद्धि हेतु भारतीय ओलंपिक संघ और भारत सरकार मिलकर एक विस्तृत बिडिंग दस्तावेज तैयार कर रहे हैं। इसमें भारत द्वारा ओलंपिक की मेजबानी हेतु ब्लूप्रिंट दिया जाएगा। हम संभावित 2036 ओलंपिक की तैयारी के लिए हवाई अड्डों, सड़कों और रेलवे सहित नए बुनियादी ढांचे में भारी निवेश कर रहे हैं। यह बुनियादी ढांचा भारत के दीर्घकालिक आर्थिक विकास के लिए भी लाभदायक होगा। खेलो इंडिया आंदोलन जैसी विभिन्न पहलों के माध्यम से हम जमीनी स्तर पर खेलों को भी बढ़ावा दे रहे हैं। इससे 2036 ओलंपिक में प्रतिस्पर्धा करने वाले एथलीटों का एक मजबूत आधार बनाने में मदद मिलेगी। आज भारत के पास बड़े खेल आयोजनों की मेजबानी का एक मजबूत ट्रैक रिकॉर्ड है। भारत खेल प्रेमियों का एक भावुक देश भी है, इसीलिए 2036 ओलंपिक देश के लिए दुनिया के सामने अपनी खेल प्रतिभा व भारत के बढ़ते सामर्थ्य के प्रदर्शन का एक शानदार अवसर होगा।

प्रश्न : अमृत काल युवाओं का है और दुनिया भी भारत के युवाओं की ओर देख रही है। इसे आप किस रूप में देखते हैं?

उत्तर : आज जब दुनिया के बाक़ी देशों की एक बड़ी आबादी तेज़ी से बूढ़ी हो रही है, लेकिन भारत युवाओं का देश है और 2070 तक ऐसा ही रहेगा। 1.4 अरब भारतीयों में से लगभग एक अरब आज 35 वर्ष से कम आयु के हैं। आजादी के बाद लंबे समय तक भारत के मानव संसाधनों को विकास में बाधा, अभिशाप माना जाता था, लेकिन मोदी जी का स्पष्ट मानना है कि आज के युवा उस रथ के अर्जुन हैं, जो भारत को अमृत यात्रा पर ले जाएगा। एक यात्रा, जो भारत को विश्वगुरु बनाएगी। इसीलिए उन्होंने देश के चार प्रमुख अमूत स्तंभों में से एक स्तंभ युवाओं को बताया है। पिछले दस वर्षों में मोदी जी की युवाओं पर केंद्रित नीतियों और योजनाओं ने आज भारत के युवाओं को वैश्विक जटिलताओं के समाधानकर्ता के रूप में पेश किया है।

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प्रश्न : देश के युवाओं को आप क्या सलाह देंगे?

उत्तर : देश के युवाओं को मेरी सलाह है कि खुद को सभी जरूरी क्षेत्रों में अपग्रेड और री-स्किल करते रहें। जॉब सीकर्स की बजाए जॉब क्रिएटर बनने पर ज्यादा जोर दें। इसके साथ ही मेरा एक और विशेष आग्रह है कि सभी युवा ‘माय भारत प्लेटफार्म’ से भी अवश्य जुड़ें।


प्रश्न : कांग्रेस और विपक्ष का आरोप है कि भाजपा केंद्रीय एजेंसियों का गलत तरीके से प्रयोग कर रही है। इस पर क्या कहेंगे?

उत्तर : विपक्ष का यह आरोप बिल्कुल निराधार है। क्या भ्रष्टाचारियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई नहीं होनी चाहिए? जिन नेताओं पर कार्रवाई हुई, क्या उनके तार आर्थिक अपराध से नहीं जुड़े हैं? ऐसी बातें करने वाले नेतागण पहले ये बताएं कि विपक्षी नेताओं के घरों में जो पैसा मिला, वो किसका था? उन्हें पहले घोटालों और जेल में बंद अपने भ्रष्ट मंत्रियों और सदस्यों को देखना चाहिए। अदालतों ने भी उनमें से कइयों के भ्रष्टाचार की आलोचना करते हुए उन्हें बेल देने से मना किया है। इनके कई नेता 1 वर्ष से ज्यादा समय से जेल में हैं और कई बेल पर भी हैं। सच्चाई ये है की जनता सच जानती है। मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भाजपा के शानदार प्रदर्शन ने स्पष्ट किया है कि लोग विपक्ष के भ्रष्टाचार से गुस्से में हैं और भाजपा के सुशासन को चाहते हैं।

प्रश्न : 2024 चुनाव में ‘इंडिया’ गठबंधन को भाजपा के लिए कितनी बड़ी चुनौती मानते हैं?

उत्तर : पहले तो ये इंडी गठबंधन है कहां ये बताइए। नीतीश जी हमारे साथ हैं और ममता दीदी ने अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। तमिलनाडु और महाराष्ट्र में भी हाल कुछ ऐसा ही है। राहुल जी के उत्तर प्रदेश छोड़ने के बाद सोनिया जी द्वारा भी कहीं और से चुनाव लड़ने की अटकलें मीडिया में चल रहीं हैं। तो पहले तो उन्हें कहां से चुनाव लड़ना है, वो खुद इस चुनौती का सामना कर रहे हैं। हमें क्या चुनौती देंगे? ये तो ख़ुद हताश, निराश और परेशान हैं।

प्रश्न : विपक्ष ने अंतरिम बजट को सरकार का ‘विदाई बजट’ करार दिया है। चुनावी साल के इस बजट को आप कितना जनोन्मुखी मानते हैं?

उत्तर : चुनावी वर्षों में अक्सर अंतरिम बजट में लोकप्रियता बढ़ाने के लिए ‘मुफ्त उपहार’ देने का लालच होता है। लेकिन, चुनाव के बाद आने वाला असली बजट या तो ये लाभ वापस ले लेता है या लोगों को उन्हें चुकाने का बोझ देता है, जिससे कभी-कभी बड़ा वित्तीय घाटा हो जाता है। यह गैर-जिम्मेदार सरकारों का तरीका होता है, जो या तो जीत को लेकर अनिश्चित होती हैं या हताश होकर समर्थन पाने की कोशिश करती हैं। हमने 2014 में यूपीए सरकार द्वारा छोड़ी गई गड़बड़ी देखी थी, जिसे हमारी जिम्मेदार और अनुशासित आर्थिक व्यवस्था सुधार रही है। ये बजट एक आत्मनिर्भर और विकसित भारत की आधारशिला रखता है, जो ग़रीबों, महिलाओं, युवाओं, किसानों, मध्यम वर्ग और अन्य जरूरतमंद समूहों को सशक्त बनाएगा। यह अंतरिम बजट समावेशी, सर्वस्पर्शी और हर वर्ग को लाभान्वित करने वाला है। ये इन्क्लूसिव और इनोवेटिव बजट है। इस बजट में कॉन्टीन्यूटी का कॉन्फिडेंस है। ये बजट विकसित भारत के 4 स्तंभ- युवा, गरीब, महिला और किसान, सभी को सशक्त करेगा। इस बजट में 2047 के विकसित भारत की नींव को मजबूत करने की गारंटी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दस वर्षों में भारत को विश्व के सबसे तेजी से बढ़ने वाले प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में प्रतिस्थापित किया है।

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