बढ़ती सेवाएं: आईसीएआर और धानुका एग्रीटेक के बीच हुआ समझौता, किसानों तक पहुंचेगी नई तकनीक

  • (आईसीएआर) और धानुका एग्रीटेक ने एक समझौता
  • समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए
  • देश भर में 14.5 करोड़ से ज्यादा किसान, जिनमें अधिकतर किसानों के पास छोटी भूमि जोत है

Bhaskar Hindi
Update: 2024-03-20 14:43 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली. देश में अनुसंधान कार्यों को बढ़ावा देने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) और धानुका एग्रीटेक ने एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। समझौता ज्ञापन पर आईसीएआर के उप महानिदेशक कृषि विस्तार डॉ यू एस गौतम और धानुका समूह के अध्यक्ष डॉ आर जी अग्रवाल ने हस्ताक्षर किए। डॉ गौतम ने कहा कि इस समझौते का उद्देश्य दोनों संस्थानों की दक्षता का उपयोग कर किसानों तक नई तकनीक पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि देश भर में 14.5 करोड़ से ज्यादा किसान हैं, जिनमें से अधिकतर किसानों के पास छोटी भूमि जोत है।

धानुका एग्रीटेक केन्द्रीय संस्थानों, अटारी और कृषि विज्ञान केन्द्र के साथ जुड़कर इन छोटे किसानों को कृषि उत्पादन से संबंधित प्रशिक्षण प्रदान करेगा। डॉ आर जी अग्रवाल ने कहा कि धानुका एग्रीटेक आईसीएआर अटारी और कृषि विज्ञान केन्द्र के सहयोग से किसानों को सलाहकार सेवा प्रदान करेगा। इस अवसर पर आईसीएआर के कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।

डॉ. गौतम ने कहा कि आज पूरी दुनिया जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का सामना कर रही है और भारत भी इससे अछूता नहीं है, ऐसे समय में दोनों संस्थानों को मिलकर कृषि उत्पादन की क्लाइमेट-फ्रेंडली पद्धति पर काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इस एमओयू का उद्देश्य बदलते परिवेश में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना है।

डॉ. आर.जी. अग्रवाल ने कहा, धानुका एग्रीटेक आईसीएआर-अटारी और केवीके के सहयोग से किसानों को सलाहकार सेवा प्रदान करेगा और उन्हें प्रशिक्षित करेगा। इस अवसर पर, आईसीएआर के सहायक महानिदेशक, निदेशक, वरिष्ठ वैज्ञानिक और आईसीएआर मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

इस संयुक्त पहल के अंतर्गत, आईसीएआर के केंद्रीय संस्थानों, Agricultural Technology Application Research Institute (ATARI) और कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) के साथ मिलकर छोटे किसानों को कृषि उत्पादन से संबंधित प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।


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