एक हफ्ते का सूखा - फिर बूंदों पर ब्रेक, मानसूनी इतिहास में सबसे कम बारिश का महीना हो सकता है अगस्त
- सबसे कम बारिश का महीना हो सकता है अगस्त
- अगस्त में क्यों लो प्रेशर एरिया भी मानसून को ताकत नहीं दे रहा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली. मौसम विभाग के मॉडल बता रहे हैं कि मानसूनी बादल फिर उत्तर की दिशा में बढ़ रहे हैं और अगले एक हफ्ते तक हिमालय की तलहटी में ही जमे रहेंगे। इससे तीन दिन पहाड़ी राज्य व उसके नजदीकी तलहटी वाले इलाकों में तो सामान्य से ज्यादा बारिश होगी, लेकिन इसके बाद बाकी देश में बारिश की ऐतिहासिक कमी की आशंका है। पृथ्वी विज्ञान विभाग के पूर्व सचिव माधवन राजीवन नैयर का अनुमान है कि अगस्त में सामान्य से 40% तक बारिश की कमी रह सकती है, जो इतिहास में सबसे बड़ी कमी होगी। इससे पहले 2005 के अगस्त में 25% बारिश की कमी रही थी।
इंग्लैंड की रीडिंग यूनिवर्सिटी में मौसम विज्ञानी डॉ. अक्षय देवरस का कहना है कि मध्य भारत में सक्रिय कम दबाव का क्षेत्र मानसून को गति नहीं दे पा रहा है। इसलिए दो दिन से खत्म हुआ मानसून ब्रेक अगले 24 घंटे में वापस आ जाएगा। इससे अगस्त के शेष दिनों में देश के बड़े हिस्से में बहुत कम बारिश की संभावना है। एक से 20 अगस्त के बीच बारिश 35% कम रही है। अगले 11 दिनों में अधिकतम 7 मिमी प्रतिदिन बारिश होती है तो भी अगस्त आखिर तक बारिश की कमी 1901 से अब तक मौसम विभाग के रिकॉर्डेड इतिहास में सबसे कम रहेगी।
सितंबर में भी उम्मीद कम : देवरस ने कहा कि अल-नीनो वर्ष में सितंबर में बारिश की 10% कमी की संभावना 87% तक रहती है। दुनिया के तमाम मौसमी मॉडल सुझा रहे हैं कि सितंबर में भी ज्यादातर हिस्सों में सामान्य से बेहद कम बारिश होने के आसार हैं।
तीन दिन झमाझम : उत्तरी मप्र के ऊपर एक लो प्रेशर एरिया बना हुआ है। इससे अगले 3 दिन मप्र और राजस्थान में अच्छी बारिश के आसार हैं। 21 से 24 अगस्त के बीच हिमाचल, उत्तराखंड, पश्चिमी उप्र, पूर्वी उप्र, विदर्भ, नॉर्थ-ईस्ट में अच्छी बारिश होने के आसार हैं।