वामपंथी उग्रवाद की घटनाओं में आई 52 प्रतिशत की कमी
- पिछले 9 वर्ष में मौत का आंकड़ा 69 प्रतिशत कम हुआ
- वामपंथी उग्रवाद की घटनाओं में आई 52 प्रतिशत की कमी
- 2022 में नक्सली घटना में हुई सिर्फ 98 मौत
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सरकार ने दावा किया है कि वर्ष 2014 के बाद वामपंथी उग्रवाद की घटनाओं और इससे होने वाली मौतों में प्रभावी कमी आई है। केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में बताया कि वर्ष 2004 से 2014 के बीच वामपंथी उग्रवाद से संबंधित कुल 17,679 घटनाएं और 6,984 मौतें हुई थी। लेकिन वर्ष 2014 से 15 जून 2023 तक की अवधि के दौरान वामपंथी उग्रवाद से संबंधित कुल 7,649 घटनाएं हुईं और इसमें 2,020 लोगों की मौत हुई, जो फर्क साफ तौर पर दिखाता है।
राय ने बताया कि पिछले नौ वर्ष के दौरान वामपंथी उग्रवाद संबंधी हिंसा के विभिन्न आंकड़ों की तुलना वर्ष 2005 से अप्रैल 2014 (नौ वर्ष) से की जाए तो स्पष्ट है कि इस अवधि के दौरान हिंसा की घटनाएं 14,862 से 52 प्रतिशत कम होकर 7,130 हो गई और मौतों की कुल संख्या 6,035 से 69 प्रतिशत कम होकर 1,868 हो गई। सरकार का यह भी दावा है कि उसके विकासपरक प्रयासों से बड़ी संख्या में वामपंथाी उग्रवादी कैडर हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में लौट रहे हैं।
2022 में नक्सली घटना में हुई सिर्फ 98 मौत
गृह राज्य मंत्री के मुताबिक पिछले 19 वर्षाें के दौरान वामपंथी उग्रवाद की सबसे ज्यादा 2,258 घटनाएं वर्ष 2009 में हुई तो वर्ष 2010 में ऐसी 2,213 घटनाएं हुई। इस दौरान नक्सली वारदातों में मौत का आंकड़ा देखें तो वर्ष 2010 में सबसे ज्यादा 1,005 लोगों की मौत हुई थी। वर्ष 2022 में मौत का यह आंकड़ा घटकर 98 तक पहुंच गया तो 15 जून 2023 तक नक्सली वारदातों में 69 लोगों की जानें गई हैं।