चर्चा: मराठी साइन बोर्ड न लगाने वालों के खिलाफ सख्ती से निपटे सरकार
मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने मुख्यमंत्री से मुलाकात करके की मांग
वरिष्ठ संवाददाता, मुंबई। मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से शनिवार को उनके सरकारी आवास वर्षा पर मुलाकात की। राज ने मुंबई सहित राज्य भर में दुकानों पर मराठी साइन बोर्ड लगाने और टोल नाकों के मुद्दे पर चर्चा की। सोशल मीडिया मंच एक्स पर राज ने कहा कि मैंने मुख्यमंत्री से मराठी में साइन बोर्ड न लगाने वाले दुकानदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। मराठी साइन बोर्ड लगाने संबंधी सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन न करने वाले दुकानदारों से सरकार को समय रहते ही सख्ती से निपटना चाहिए। राज ने कहा कि मैंने मुख्यमंत्री से मुंबई प्रवेश द्वार के टोल नाकों और राज्य के दूसरे हिस्सों के टोल नाकों पर ज्यादा दर वसूले जाने को लेकर भी चर्चा की है। मुझे उम्मीद है कि सरकार सभी बिंदुओं पर विचार करते हुए सकारात्मक कदम उठाएगी। इससे पहले पुणे में राज ने मराठी साइन बोर्ड लगाने के कानून का पालन न करने वालों के खिलाफ कार्रवाई न किए जाने को लेकर सरकार पर तीखा हमला बोला था। राज ने कहा था कि सरकार हिंदुत्व और मराठी पर केवल जबानी जमा खर्च करती है। बीते 13 अक्टूबर को राज ने अपने आवास शिवतीर्थ पर राज्य के एमएसआरडीसी मंत्री दादाजी भुसे के साथ मुंबई प्रवेश द्वार के टोल नाकों पर बढ़ाए गए दर को लेकर बैठक की थी।
बुलडोजर पर भाजपा और मनसे आमने-सामने : मनसे के नेता संदीप देशपांडे ने मराठी में साइन बोर्ड न लगाने वाले दुकानों पर बुलडोजर चलाने की मांग सरकार से की है। उन्होंने कहा कि जरूरी नहीं है कि अवैध गतिविधियों के लिए बुलडोजर केवल उत्तर प्रदेश की सरकार चलाए। महाराष्ट्र सरकार भी मराठी में साइन बोर्ड न लगाने वाले प्रतिष्ठानों के खिलाफ बुलडोजर चला सकती है। इसके जवाब में मुंबई भाजपा अध्यक्ष आशीष शेलार ने कहा कि मनसे के नेता पहले अपने मित्र के कार्यालयों में मराठी में साइन बोर्ड लगाने का काम करे। यदि बुलडोजर चलाना है तो अवैध निर्माण कार्यों के खिलाफ चलाना चाहिए। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सभी दुकानों पर मराठी साइन बोर्ड 25 नवंबर तक लगाने का समय दिया था।