हो सकती परेशानी: कल थम सकते हैं, एसटी बसों के पहिए, महाराष्ट्र स्तर पर हो रहा बड़ा आंदोलन
- राज्य सरकार के नियमानुसार वेतन श्रेणी की मांग
- बड़े यूनियन को मिला 13 यूनियन का साथ
- महाराष्ट्र स्तर पर हो रहा बड़ा आंदोलन
डिजिटल डेस्क, नागपुर. सोमवार की शाम तक मुख्यमंत्री की ओर से कोई जवाब नहीं आने पर एसटी कर्मचारी 3 अगस्त से आंदोलन करने की तैयारी में लगे हैं। जिसके कारण मंगलवार से एसटी बसों के पहिए थम सकते हैं। महाराष्ट्र एसटी कामगार संगठन की ओर से राज्य उपाध्यक्ष अजय हट्टेवार के नेतृत्व में यह आंदोलन किया जानेवाला है। जिसमें 13 संगठन का साथ मिलेगा। मुख्य मांग राज्य सरकार की वेतनश्रेणी के अनुसार वेतन मिलने की है, इसके अलावा भी अन्य मांगें भी शामिल हैं। बता दें, कि इससे पहले भी कर्मचारियों की ओर से कोरोना महामारी के पहले विभिन्न मांगों को लेकर चक्काजाम किया था। जिसके कारण 3 महीने तक एसटी बसें बंद रही थीं। इससे एक ओर यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा था। वहीं दूसरी ओर महामंडल का राजस्व का भी नुकसान हुआ था। इसके बाद बसों को पुन शुरू किया गया।
फिर से बसों के पहिए जाम होने के आसार बन रहे हैं। एसटी महामंडल में काम करनेवाले चालक, वाहन सरकारी नौकरी भले ही करते हैं। लेकिन उन्हें मेहनत प्राइवेट कंपनियों की तरह दी जाने से नाराजी है। इसेक लिए यूनियन की ओर से 7 अगस्त को मुख्यमंत्री के साथ बैठक की गई थी। इस विषय पर मुख्यमंत्री की ओर से 20 अगस्त को पुन: बैठक करने का आश्वासन दिया था, लेकिन अभी तक बैठक नहीं हो सकी है। ऐसे में यूनियन की ओर से नाराजगी जताते हुए 3 सितंबर को पूरे राज्य में चक्काजाम करने की तैयारी की जा रही है।
यात्रियों को उठानी पड़ेगी भारी परेशानी
वर्तमान स्थिति में प्रति दिन 16 हजार 5 सौ बसें विभिन्न दिशाओं की ओर चलती हैं। प्रति दिन यात्रियों की संख्या 65 लाख यात्री इन बसों पर निर्भर रहती है। इन दिनों त्योहारों के कारण यात्रियों की संख्या भी बढ़ गई हैं। जिससे बसों का बंद होना यात्रियों की परेशानी बढ़ाने की ओर इशारा कर रही है।
अजय हट्टेवार, राज्य उपाध्यक्ष, महाराष्ट्र एसटी कामगार संगठन के मुताबिक मुख्यमंत्री की ओर से 20 अगस्त को बैठक कर समस्या पर कोई हल निकालने का आश्वासन पूरा नहीं किया है। जिसके कारण मजबूरन हमें आंदोलन का निर्णय लेना पड़ा है। शाम तक कोई सकारात्मक रवैया आने पर बदवाल हो सकते हैं। यदि नहीं तो 3 सितंबर की सुबह से ही बसों के पहिए थमेंगे। आंदोलन अनिश्चितकालिन रहेगा।