विधानसभा चुनाव पर फोकस: केंद्रीय मंत्री गडकरी ने बताया समृद्ध भविष्य की ओर ले जाने वाला बजट, जानिए- महाराष्ट्र को क्या मिला

  • विकसित भारत के संकल्प पूर्ति की तरफ पहला कदम – सांसद अशोक चव्हाण
  • मित्र दलों को खुश करने वाला बजट – सांसद वर्षा गायकवाड
  • बुनियादी ढांचे के विकास के लिए मिले 7,545 करोड़ रुपये
  • राहुल गांधी ने बताया ‘कुर्सी बचाओ बजट’

Bhaskar Hindi
Update: 2024-07-23 15:56 GMT

डिजिटल डेस्क, अजीत कुमार, नई दिल्ली। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बजट की सराहना करते हुए कहा कि यह बजट उन्नत बुनियादी ढांचे, नवाचार और अगली पीढ़ी के सुधारों के साथ समृद्ध भविष्य की ओर ले जाएगा, जिससे समाज के हर व र्ग का विकास होगा। केंद्रीय मंत्री ने दूरदर्शी बजट पेश करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सितारमण को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह कृषि में उत्पादकता को बढ़ावा देने, रोजगार और कौशल को बढ़ाने, मानव संसाधन, विनिर्माण और सेवाओं, शहरी विकास, ऊर्जा सुरक्षा में प्रगति को बढ़ावा और सामाजिक न्याय को बढ़ाने का वादा करता है।


विकसित भारत के संकल्प पूर्ति की तरफ पहला कदम – सांसद अशोक चव्हाण

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा सांसद अशोक चव्हाण ने केंद्र के बजट को प्रधानमंत्री के विकसित भारत की संकल्पना को पूरा करने की दिशा में उठाया गया पहला कदम करार दिया है। उन्होंने बजट का स्वागत करते हुए कहा कि इसमें किसान, महिला, युवा, गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों को ध्यान में रखा गया है। बजट में शिक्षा संबंधी सुविधा, रोजगार सृजन, कौशल विकास और एमएसएमई पर ज्यादा फोकस किया गया है।


मित्र दलों को खुश करने वाला बजट – सांसद वर्षा गायकवाड

सांसद वर्षा गायकवाड ने कहा कि देश में महाराष्ट्र से केंद्र को सबसे ज्यादा टैक्स जाता है, लेकिन इस बजट में महाराष्ट्र के लिए किसी तरह का कोई खास प्रावधान नहीं किया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस बजट में सरकार में शामिल टीडीपी और जेडीयू को खुश करने के लिए उनके राज्यों को छप्पर फाड़ पैकेज दिया है। जबकि बजट में महाराष्ट्र का उल्लेख भी नहीं किया। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की खोके सरकार यह कहती रही है कि डबल इंजन सरकार के कार्यकाल में केंद्र की सरकार महाराष्ट्र पर मेहरबान होगी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ है।


प्रधानमंत्री सरकार बचाव योजना – सांसद प्रियंका चतुर्वेदी

शिवसेना (उद्धव) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि केंद्रीय बजट में बिहार और आंध्र प्रदेश राज्यों का 10-10 बार नाम लेकर उल्लेख करना और महाराष्ट्र जैसे बडे और औद्योगिक राज्य का एक बार भी उल्लेख नहीं करने से यह बजट नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री सरकार बचाव योजना है। महाराष्ट्र के अधिकतर उद्योग ही नहीं बड़े कार्यालय भी गुजरात ले गए। इसके बावजूद बजट में कोई प्रावधान नहीं करने के बाद भी मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री अजित पवार चुप है। इससे केंद्र का महाराष्ट्र के साथ केंद्र सरकार का सौतेला व्यवहार दिखाई देता है।


बजट से महाराष्ट्र नदारद – सांसद सुप्रिया सुले

सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि केंद्र के बजट से महाराष्ट्र को नदारद बताते हुए कहा कि केवल दो राज्यों को खुश करने और उनका उल्लेख करने में ही वित्त मंत्री ने बजट का अधिकतम समय बर्बाद किया है। उन्होंने कहा कि यह बजट और कुछ नहीं सिर्फ एनडीए सरकार को बचाने की कवायद भर है। मुद्रास्फीति, खाद्य पदार्थों के बढ़ते दाम, बेरोजगारी जैसे प्रमुख और गंभीर मुद्दों पर समाधान करने का अवसर वित्त मंत्री ने खो दिया है।


महाराष्ट्र के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए मिले 7,545 करोड़ रुपये

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश आम बजट 2024-25 में महाराष्ट्र की विभिन्न बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 7545 करोड़ रुपये मिले है। इसमें सूखा प्रभावित विदर्भ-मराठवाडा की सिंचाई परियोजनाओं के लिए 600 करोड़ और नागपुर स्थित नाग नदी पुनरुद्धार परियोजना के लिए 500 करोड़ रुपये शामिल है।

इसके अलावा बजट में ग्रामीण सड़क सुधार योजना के तहत 400 करोड़ रुपये, समावेशी विकास कार्यो (आर्थिक गलियारा) परियोजना के लिए 466 करोड़ रुपये, पर्यावरण के अनुकूल सतत कृषि परियोजना के लिए 589 करोड़ रुपये, महाराष्ट्र कृषि और ग्रामीण परिवर्तन के लिए 150 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

मुबंई शहरी परिवहन परियोजना के लिए 908 करोड़

इसके अतिरिक्त बजट में मंबई शहरी परिवहन परियोजना (एमयूटीपी) के लिए 908 करोड़ रुपये के अलावा मुंबई मेट्रो के लिए 1080 करोड़ रुपये दिए गए है। वहीं, दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारे के लिए 409 करोड़ का प्रावधान किया गया है। पुणे मेट्रो के लिए 814 करोड़ रुपये का प्रावधान करने के साथ पुणे की मुला-मुठा नदी संरक्षण परियोजना के लिए 690 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

आम बजट : सरकार ने गठबंधन का बंधन किया मजबूत

मंगलवार को लोकसभा में पेश आम बजट में चुनाव वाले राज्यों महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड के लिए नहीं बल्कि बिहार अौर आन्ध्रप्रदेश के लिए विशेष घोषणाएं की गई हैं। सामान्य रूप से आम बजट में चुनावी राज्यों पर विशेष फोकस रहता है। यह माना जाता है कि सरकार बजट में चुनावी राज्यों के लिए अपना खजाना खोलेगी। लेकिन मोदी सरकार का फोकस चुनावी राज्यों पर नहीं, अपने सहयोगी दलों पर है।

साफ है कि लोकसभा चुनाव में भाजपा को लगे झटके का असर आज के बजट में दिखा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बिहार और आन्ध्रप्रदेश को मोटे पैकेज (लगभग 74 हजार करोड़) देकर न केवल गठबंधन की गांठ मजबूत की है, बल्कि यह अगले साल बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा और सहयोगी दलों के दबदबे को कायम रखने की कवायद भी है। बजट से मोदी सरकार ने अपने दोनों महत्वपूर्ण सहयोगी दलों जदयू और तेलुगुदेशम को साधे रखने का बड़ा दांव चला है।

लोस में जादूई आंकड़े से दूर है भाजपा

यह जरूरी भी है, क्योंकि भाजपा के पास लोकसभा में अकेले 272 का जादूई आंकड़ा नहीं है और उसे अपनी सरकार बचाए रखने के लिए जदयू और तेलुगुदेशम की बैशाखी की जरूरत है। बता दें कि तेलुगुदेशम के 16 तो जदयू के 12 लोकसभा सदस्य हैं। वरिष्ठ पत्रकार संजय राय कहते हैं कि बजट के माध्यम से मोदी सरकार ने अपने महत्वपूर्ण सहयोगी जदयू को तो साधा ही, साथ ही बजट में अगले वर्ष अक्टूबर में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव की उसकी चिंता भी झलक रही है। दरअसल भविष्य में भाजपा की कोशिश बिहार में न केवल सरकार बनाने की है, बल्कि वह अपना मुख्यमंत्री भी बनाना चाहती है।


राहुल गांधी ने बताया ‘कुर्सी बचाओ बजट’

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने मोदी सरकार के आम बजट को ‘कुर्सी बचाओ बजट’ करार दिया है। राहुल गांधी ने कहा कि इस बजट में सहयोगियों को तुष्टिकरण किया गया है। इस बजट में आम आदमी के लिए कुछ भी नहीं है। बजट में अंबानी और अडाणी को फायदा पहुंचाया गया है।

यह तो अभी शुरूआत है : संजय झा

जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने केन्द्रीय बजट में बिहार के लिए विशेष प्रावधान करने के लिए मोदी सरकार की सराहना की है और कहा कि यह तो अभी शुरूआत है। उन्होंने कहा कि अगले पांच सालों में बिहार के केन्द्र से और भी बहुत कुछ मिलेगा। उन्होंने कहा कि यदि बिहार को तबज्जो नहीं मिलती तो यही विपक्षी पार्टियां हंगामा मचाती कि प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार की अनदेखी की।


केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा - ग्रामीण विकास और कृषि क्षेत्र की प्रगति में नए आयामों को स्थापित करेगा आम बजट

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश बजट को जनकल्याणकारी बताते हुए कहा कि यह बजट ग्रामीण विकास और कृषि क्षेत्र की प्रगति में नए आयामों को स्थापित करेगा।

केंद्रीय कृषि मंत्री चौहान ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का आभार मानते हुए कहा कि यह विकसित भारत के निर्माण की नींव रखने वाला बजट है। वैभवशाली, गौरवशाली, संपन्न, समृद्ध और शक्तिशाली भारत के निर्माण का बजट है, विशेषकर किसान, गरीब, महिलाएं, वा और मध्यम वर्ग के कल्याण पर विशेष रूप से ध्यान दिया गया है। ग्रामीण क्षेत्र को और विकसित करेगा व किसानों की जिंदगी बदलेगा।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि किसान की दृष्टि से अगर देखें तो इसमें सभी पक्षों पर ध्यान दिया गया है। उत्पादन बढ़ाने के लिए फल-सब्जी और अनाज की 109 नई वैरायटी जारी की जाएगी, जो जलवायु अनुकूल होगी और ग्लोबल वार्मिंग के मौजूदा खतरे में चाहे ज्यादा तापमान हो या कम पानी हो, अच्छा उत्पादन देगी। चौहान ने बताया कि कृषि में डिजिटल इंफ्रा तैयार करने से लेकर बजट में गरीबों के लिए और मकान बनाने के अलावा महिला सशक्तिकरण के लिए भी एनआरएलएम के तहत कई नए काम प्रारंभ करने की की बात कही गई है।

चौहान ने बताया कि कृषि एवं सम्बद्ध क्षेत्रों के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, वहीं फर्टिलाइजर सब्सिडी के लिए अलग से 1.64 लाख करोड़ का प्रावधान किया गया है। ग्रामीण विकास के लिए 2.66 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि 400 जिलों में फसलों का डिजिटल स र्वेक्षण के साथ ही 5 राज्यों में जन सम र्थ आधारित किसान क्रेडि कार्ड जारी किए जाएंगे।


अब तक का सर्वोत्तम बजट – केंद्रीय राज्यमंत्री रामदास आठवले

रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री मंत्री रामदास आठवले ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट अब तक का सर्वोत्तम बजट है, जो सभी वर्गो के लिए कल्याणकारी है।

राज्य मंत्री आठवले ने दावा किया कि सरकार ने बजट के माध्यम से अनुसूचित जाति और जनजाति, पिछड़ा वर्ग, दिव्यांग, किसान, मजदूर सहित समाज के सभी उपेक्षित वर्गों को सामाजिक न्याय देने का प्रयास किया है। उन्होंने इस बजट को प्रधानमंत्री मोदी के विकसित भारत की परिकल्पना को साकार करने करार देते हुए कहा कि यह आम जनता के कल्याण के लिए वरदान साबित होगा। उन्होंने बताया कि इस बजट में उनके मंत्रालय के लिए 14765 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं, जो पिछले बजट की तुलना में अधिक है।

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