ऑर्गन डोनेशन: ब्रेन डेड युवा के अंगदान से दो को मिला जीवन और दो को मिली आंखों की रौशनी

  • चक्कर आने से गिरा था युवक
  • मस्तिष्क में रक्तस्त्राव हुआ था
  • समुपदेशन के बाद परिजन हुए तैयार

Bhaskar Hindi
Update: 2024-08-01 10:46 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर। चक्कर आने से गिरे एक युवा के मस्तिष्क में तीव्र रक्तस्त्राव होने से उसका बचना मुश्किल हो गया था। मेडिकल के अंग प्रत्यारोपण समिति के सदस्यों ने परिजनों को इसकी जानकारी दी। परिजनों को अंगदान के लिए समुपदेशन किया गया। परिजनों की अनुमति मिलने के बाद अंगदान की प्रक्रिया पूरी की गई। युवा के अंगदान से दो लोगों को जीवन मिला और दो लोगों को रौशनी मिलेगी।

उपचार से नहीं मिली राहत, ब्रेन डेड घोषित

विभागीय अंग प्रत्यारोपण समन्वय केंद्र द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार पांढराबोडी नागपुर निवासी 42 साल के नितिन गणेश दरांडे मजदूरी करता था। 29 जुलाई को कार्यस्थल पर उसे चक्कर आया। वह नीचे गिर गया। उसे एक निजी अस्पताल में भर्ती किया गया। वहां पता चला कि हालत गंभीर है। इसलिए उसे शासकीय चिकित्सा अस्पताल व महाविद्यालय (मेडिकल) में भर्ती किया गया। डॉक्टरों की टीम ने उस पर उपचार किया। उसकी हालात में सुधार नहीं हुआ बल्कि तबीयत और बिगड़ने लगी। उपचार को प्रतिसाद नहीं मिल रहा था। डॉक्टरों ने सभी तरह की जांच के बाद मस्तिष्क में तीव्र रक्तस्त्राव होने व ब्रेन डेड होने की पुष्टि की। इसकी जानकारी परिवार के सदस्य भाई विकास और मां शोभा को दी गई। परिजनों को अंगदान के बारे में बताया गया।

समुपदेशन के बाद परिजन हुए तैयार

समुपदेशन के बाद परिजन अंगदान के लिए तैयार हुए। मेडिकल के समाजसेवी अधीक्षक श्याम पंजाला व डॉ. सुनील चाहाकार ने समिति के समन्वयक दिनेश मंडपे को जानकारी दी। इसके बाद आगे की प्रक्रिया विभागीय अंग प्रत्यारोपण समिति द्वारा की गई। प्रतीक्षा सूची के अनुसार जरुरतमंदों पर दो किडनी प्रत्यारोपित की गई। वहीं दो कार्निया मेडिकल को सौंपे गए। अंगदान के लिए मेडिकल की टीम में अधिष्ठाता डॉ. राज गजभिये, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अविनाश गावंडे, डॉ. अतुल राजकोंडावार, डॉ. अर्चना अहेर, डॉ. सचिन कांबले, डॉ. संजय रामटेके आदि का समावेश था। समिति के अध्यक्ष डॉ. संजय कोलते व सचिव डॉ. राहुल सक्सेना ने विशेष सह्याेग किया।

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