हंगामा है क्यों बरपा: 92 प्रोफेसरों की नियुक्ति में 30 करोड़ की वसूली! यूनिवर्सिटी में विवाद की इनसाइड स्टोरी
- नियुक्ति का अधिकार किसके हाथ में, इस पर छिड़ा है असली विवाद
- 50 से 80 लाख रुपए नियुक्ति के रेट तय
- नियुक्ति के लिए दलाल सक्रिय
डिजिटल डेस्क, नागपुर, सुनील हजारी | राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर यूनिवर्सिटी में इन दिनों भाजपा से जुड़े दो गुटों में जमकर विवाद चल रहा है। विवाद की असली वजह यहां प्रोफेसरों के 92 खाली पदों पर नियुक्ति की स्वीकृति मिलने के बाद इस पर होने वाली कमाई का है। यूनिवर्सिटी के टॉप प्रबंधन में शामिल विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, शीर्ष नेतृत्व से इन पदों पर भर्ती के बदले 30 करोड़ की वसूली फिक्स की गई, जिसमें प्रत्येक पद पर नियुक्ति के लिए 50 लाख से 80 लाख रुपए मांगे जा रहे हैं। दैनिक भास्कर के पास इससे जुड़े कई अधिकारियों की पुष्टि के सबूत हैं। इसी कमाई पर हक जमाने के लिए राजनीतिक पार्टी के अाला पदाधिकारियों की यूनिवर्सिटी में दबे पांव एंट्री हुई।
नियुक्ति के लिए दलाल सक्रिय
यूनिवर्सिटी में होने वाली प्रोफेसरों की नियुक्ति के लिए किनका चयन करना है, इसके लिए बड़े स्तर पर दलाल सक्रिय हैं, जो इस पद के योग्य लोगों से संपर्क कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, कुछ माह पहले तक 50 लाख रुपए एक नियुक्ति के रेट थे, जो अब कॉम्पटिशन में बढ़कर 80 लाख तक हो गए हैं। एक पार्टी ने इसकी सूची भी तैयार की है, जिसमें कुछ नामों का रिजर्वेशन भी कर लिया गया है। यानी जो संबंधित पद पर नियुक्ति की आर्थिक शर्त पूरी कर रहे हैं
डॉ. सुभाष चौधरी के विवाद का भी यही था कारण
पूर्व कुलगुरु डॉ. सुभाष चौधरी के विवाद का असली कारण भी यही थी। सूत्रों के अनुसार, उन्हें भी एक सूची थमाई गई थी, जिसमें बड़े स्तर पर आर्थिक लेन-देन कर 92 पदों पर नियुक्ति करने की बात कही गई थी। हालांकि शीर्ष स्तर इसी मुद्दे पर विवाद हुआ और मामला उन्हें हटाने तक का पहुंच गया। हालांकि डॉ. चौधरी इस विषय पर किसी तरह की बात करने को तैयार नहीं है।
वसूली कर नियुक्ति में माहिर लोगों को लाया गया
नागपुर यूनिवर्सिटी में संबंधित नियुक्ति में वसूली का टारगेट पूरा करने के लिए कुछ ऐसे लोगों को लाया गया है, जो इस काम में माहिर रहे हैं। पूर्व में उन पर इसी तरह की नियुक्ति करने के आरोप भी लगे हैं और जांच में इसकी पुष्टि तक हुई है।
कई उम्मीदवारों ने पुष्टि की, उनके पास आए हैं ऑफर
दैनिक भास्कर ने जब इस मामले की पड़ताल की, तो कड़ी प्रोफेसर की नियुक्ति के उम्मीदवारों तक भी पहुंची। उन्होंने स्वीकार किया कि 50 लाख रुपए देकर नियुक्ति पाने का ऑफर उनके पास आया है। हालांकि अभी भुगतान नहीं किया गया। भुगतान के लिए उचित समय बताने की बात हुई है।