नागपुर यूनिवर्सिटी: प्रोफेसरों की नियुक्ति को लेकर 30 करोड़ वसूली के मामले ने पकड़ा तूल, सड़क पर उतरा छात्र संगठन

  • करोड़ों की दलाली का अड्डा बनता जा रहा है शिक्षा का मंदिर
  • न्यायिक जांच कराने की मांग
  • सड़क पर उतरा छात्र संगठन

Bhaskar Hindi
Update: 2024-08-16 14:57 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर। राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज यूनिवर्सिटी में 92 प्रोफेसरों की नियुक्ति को लेकर 30 करोड़ से ज्यादा की वसूली का मामला अब तूल पकड़ने लगा है। नागपुर विद्यापीठ विद्यार्थी संगठन के विद्यार्थियों ने कुलगुरु और प्र कुलगुरु से विद्यापीठ में लेनदेन का मुद्दा उठाते हुए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। चर्चा के दौरान जहां डॉ. प्रशांत बोकारे ने कहा कि उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं है, वहीं प्र. कुलगुरु संजय दूधे ने यह कहकर पल्ला झाड़ा कि पूरा मामला उनके अंतर्गत नहीं आता, वे मुख्य शैक्षणिक कार्य संभालते हैं, प्रशासनिक विभाग कुलगुरु और रजिस्ट्रार के अंतर्गत आता है।

जब विद्यार्थियों ने प्रभारी कुलगुरु डॉ. प्रशांत बोकारे से कहा कि जिस प्रकार से गड़चिरोली गोंडवाना विद्यापीठ में शिक्षकों की भर्ती के दौरान लेन-देन हुआ, क्या फिर उसी के लिए तो नहीं उन्हें लेने-देन करने के लिए बुलाया गया है। जिसे भाजपा के साथ मिलकर अंजाम दिया जा रहा होगा। 

भाजपा से जुड़े दलाल यूनिवर्सिटी में सक्रीय हैं। 92 प्रोफेसरों के रिक्त पदों की भर्ती के लिए 30 करोड़ की वसूली की जा रही है। जिसमें प्रत्येक पद पर नियुक्ति के लिए 80 लाख तक मांगे जाने की सूचना है। कहा जा रहा है कि शिक्षा का मंदिर करोड़ों की दलाली का अड्डा बनता जा रहा है। जिससे किसी का भी भला नहीं हो सकता.

यूनिवर्सिटी को 100 साल पूर्ण हुए हैं, जिसे लेकर एक तरफ उत्साह है, तो वहीं दूसरी तरफ कलंक लगता दिखाई दे रहा है। जिसकी न्यायिक जांच कराने की मांग की गई है।पुलिस और सीबीआई की जांच के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त करवाई की मांग की गई है।

(पिछले मामले)

●सालों बाद 92 प्रोफेसरो की पोस्ट निकाली गई।

● सभी रिक्त पद असिस्टेंट प्रोफेसर और प्रोफेसर के लिए निकले गए हैं.

● LIT के रिक्त पदों को अलग करके लगभग 74 पदों के लिए करोड़ों का सौदा किया जा रहा है.

● घोटाले में सीधे तौर पर भाजपा के नेता और विद्यापीठ के अधिकारियों की मिली भगत सामने आ रही है.

●  कोहचाडे प्रकरण में विद्यार्थियों को सालों तक जॉब नहीं मिला था

● गढ़चिरोली- गोंडवाना विद्यापीठ में भी कुछ इसी तरह मामले में कोर्ट केस हुआ



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