मलाल नहीं!: नागपुर-मुंबई निजी बसों का जानिए क्या है हाल- एसी का टिकट लेकर कराया नॉन एसी में सफर
- निजी बस संचालकों की मनमानी
- एसी काम नहीं कर रहा था
- यात्रियों ने जमकर हंगामा किया
डिजिटल डेस्क, नागपुर. निजी बस संचालकों की मनमानी अक्सर सामने आती रहती है। ताजा मामला 14 अगस्त की रात का है, जब नागपुर से मुंबई जानेवाली एसी स्लीपर बस का एसी काम नहीं कर रहा था, यात्रियों ने जमकर हंगामा किया। जामठा के पास रातभर दूसरे बस के इंतजार में यात्रियों को खड़ा रहना पड़ा। सुबह जब दूसरी बस आई, तो उन्हें मुंबई रवाना किया गया। इससे एक सरफ यात्रियों को होनेवाली परेशानी उजागर हुई। वहीं दूसरी तरफ नियमों को धता बताकर बस संचालक मनमर्जी कर रहे हैं।
उस बस में सफर करनेवाले एक यात्री का नाम अभिषेक मिश्रा है। जिसने बताया कि, वह अपने परिवार के साथ संजय ट्रैवल्स की बस क्रमांक एमएच 40 सीटी 0151 से मुंबई के लिए निकला था। बस में कुल 32 लोग सफर कर रहगे थे। सुविधाजनक सफर मिलने की उम्मीद से उन्होंने एसी स्लीपर बस का टिकट लिया था, लेकिन बस शुरू होने के बाद से ही एसी काम नहीं कर रहा था। जिसके कारण भीतर बैठे यात्रियों को सांस लेने तक की परेशानी हो रही थी। चालक से इस बारे में शिकायत करने पर उसने जल्दी एसी सुधारने की बात कही। लेकिन जामठा तक बस जाने के बाद भी एसी नहीं सुधारा गया। जिसके कारण यात्रियों की हालत खराब होने लगी थी। ऐसे में बस को रोकते हुए यात्रियों ने दूसरी बस की व्यवस्था करने को कहा। लेकिन कोई विकल्प नहीं था।
बस मालिक व मैनेजर से बातचीत की गई। जद्दोजहद के बाद सुबह 4 बजे बस का अरेंजमेंट किया गया। ऐसे में रातभर महिला यात्री बच्चों को लेकर सड़क पर खड़े रहे। फ्रेन्ड्स कॉलोनी में रहनेवाले निखिल ठाकरे ने बताया कि बस का एसी सुबह से ही खराब था, बावजूद इसके इसे बिना सुधारे यात्रियों को लेकर जा रहे थे। जब यात्रियों को अनकर्म्फट लगा तो सभी ने आगे जाने से इंकार कर दिया।
गलती का मलाल नहीं
कुछ यात्रियों ने बताया कि संबंधित बस यात्रियों से बात करने पर इसे मामूली बात तक कह दिया गया था, कहा गया था कि यह कोई बड़ी बात नहीं है, ऐसा तो होता ही रहता है।
अमन सोनवाने, मैनेजर, संजय ट्रैवल्स ने बताया कि बस में तकनीकि खराबी थी। उस दिन बहुत ज्यादा रश होने से दूसरी बस उपलब्ध नहीं हो पा रही थी। कारंजा से यात्रियों को दूसरी बस देने का आश्वासन दिया था, लेकिन यात्री ही नहीं माने। ऐसे में वहीं रहकर उन्हें सिटिंग सिट वाली बस दिलाई गई। जिन यात्रियों ने टिकट कैन्सिल किए, उन्हें रीफंड भी दिया गया था।