नागपुर: हिंदी प्राध्यापक डॉ. सोनू जेसवानी का आरोप, यूनिवर्सिटी को बनाया भ्रष्टाचार का अड्डा
- हिंदी प्राध्यापक डॉ. सोनू जेसवानी की मांग
- डॉ. कल्पना पांडे के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा
डिजिटल डेस्क, नागपुर। दैनिक भास्कर में यूनिवर्सिटी के प्रोफेसरों की नियुक्ति में करोड़ों की वसूली की खबर के बाद अब हिंदी प्राध्यापिका ने भी अपना मोर्चा खोल दिया। आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में किसी भी संवैधानिक पद पर न रहते हुए शिक्षण मंच की अध्यक्षा डॉ. कल्पना पांडे बीजेपी के दिग्गज नेताओं के नाम का रौब दिखाकर मनमानी कर रही है। विश्वविद्यालय के पवित्र शैक्षणिक वातावरण को डॉ. पांडे ने भ्रष्टाचार का अड्डा बनाकर रख दिया है, ऐसा आरोप वीएमवी महाविद्यालय की हिंदी प्राध्यापिका डॉ. सोनू जेसवानी ने बयान दिया है। साथ ही डॉ. जेसवानी ने डॉ. पांडे के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग भी की है। वे शुक्रवार को पत्र-परिषद में वह बोल रही थी।
डॉ. सोनू जेसवानी ने आगे कहा कि, यह अत्यंत दुखद और खेदजनक है कि विश्वविद्यालय को अपने शताब्दी वर्ष में इतनी कलंकित स्थितियों से गुजरना पड़ा। इसका केवल एकमात्र कारण कल्पना पांडे और उनका भ्रष्टाचारी, तानाशाहीपूर्ण दुर्व्यवहार है। कल्पना पांडे ने मेरा विश्वविद्यालय का करियर पूर्ण रूप से ध्वस्त कर दिया। पांडे ने नागपुर विश्वविद्यालय की मेरी हिंदी विषय की गाइड शिप छिनवा दी, मुझे विश्वविद्यालय की हिंदी पीएचडी से संबंधित आरएसी कमेटी की सदस्यता से निकलवा दिया, मुझे हिंदी अध्ययन मंडल, वाणिज्य भाषा अध्ययन मंडल तथा वार्षिकांक निर्णय समिति की सदस्यता से निकलवा दिया। इतना ही नहीं तो अपनी बेटी की शादी में सहयोग के नाम पर 1 लाख रुपये लिए जो कई बार वापिस मांगने पर भी पांडे ने नहीं दिए। कल्पना पांडे ने मुझसे संबंधित झूठी, शर्मनाक बातें कहकर मेरी प्रतिष्ठा को धूमिल किया है। इसलिए कल्पना पांडे पर कड़ी कार्रवाई की जाए। डॉ. जेसवानी ने कहा कि गाइडशिप वापिस मिले, इसलिए प्रभारी कुलगुरु डॉ. प्रशांत बोकारे से अपील की थी। लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।
एंटी करप्शन मामले का क्या हुआ?
डॉ. सोनू जेसवानी ने यह भी आरोप लगाया कि, सीनियर कॉलेज का केवल 11 वर्षों का अनुभव होने पर भी 15 से 20 वर्षों के अनुभव वाले प्राध्यापकों को दरकिनार करवाकर कल्पना पांडे को कॉलेज का ऑडिट करनेवाली समितियों में खुद जाती हैं। वीएमवी महाविद्यालय से एंटी करप्शन ने कल्पना पांडे को गिरफ्तार किया था। इस मामले का क्या हुआ? यह भी सवाल डॉ. सोनू जेसवानी ने उठाया।