ई-बसें: डेडलाइन के समाप्त होने भी नहीं मिली ई- बसें, मनपा ने कहा-बस, बहुत हो चुका...
- हरियाणा की कंपनी पर कार्रवाई शुरू
- 134 ई-बसों की आपूर्ति में देरी का मामला
- मिली मात्र 10 बसें
डिजिटल डेस्क, नागपुर। सिटी बस सेवा में 72 करोड़ के केन्द्र सरकार के अनुदान से 134 ई-बसों की आूपर्ति की जिम्मेदारी हरियाणा की पीएमआई इलेक्ट्रो मोबिलिटी कंपनी को दी गई थी। अनुबंध के प्रावधानों के तहत अक्टूबर तक 44 बसों की आपूर्ति होना था, लेकिन कंपनी ने केवल 10 ही बसों की आपूर्ति की। कंपनी को नोटिस देने के बाद 31 दिसंबर तक बसों की आपूर्ति का आश्वासन दिया गया था, अब डेडलाइन के समाप्त होने पर अंतिम नोटिस देकर कानूनी प्रक्रिया को आरंभ कर दिया गया है।
अभी तक की स्थिति : मडेडलाइन के समाप्त होनेनपा के परिवहन विभाग से आपली बस सेवा में 381 बसों का संचालन हो रहा है। इसमें 90 स्टैंडर्ड श्रेणी की डीजल बसें, 34 सीएनजी रूपांतरित बसें, 131 मिडी डीजल बसें, 42 मिनी डीजल बसें और 50 वातानुकूलित बसों का समावेश है। इस बस सेवा का प्रतिदिन करीब 1.44 लाख यात्री इस्तेमाल कर रहे हैं, जबकि प्रतिदिन करीब 25 लाख रुपए तक आमदनी होती है।
यात्रियों को सुविधाजनक सफर देने के लिए 72 करोड़ की निधि से 134 ई-बसों को खरीदी करने का अनुबंध हरियाणा की पीएमआई इलेक्ट्रो मोबिलिटी कंपनी से किया गया है। अनुबंध में बसों की आपूर्ति में देरी होने पर प्रतिदिन 12 हजार रुपए प्रति बस के मुताबिक दंड वसूल भी करना है, लेकिन परिवहन विभाग के तमाम प्रयासों के बाद भी कंपनी ने अब तक 10 बसों की आपूर्ति की थी।
31 दिसंबर तक बसों की आपूर्ति की डेडलाइन दी गई थी। इस समयावधि के बीत जाने के बाद कानूनी कार्रवाई आरंभ करने का नोटिस दिया गया था। ऐसे में शुक्रवार को 12 बसों की आपूर्ति हुई है। इन बसों को लकड़गंज में पंजीयन के लिए रखा गया है। अब परिवहन विभाग ने कड़ी कार्रवाई की प्रक्रिया आरंभ कर दी है।
कानूनी प्रक्रिया आरंभ : 31 दिसंबर की डेडलाइन तक बसों की आपूर्ति नहीं होने पर परिवहन विभाग ने कानूनी प्रक्रिया आरंभ कर दी है। परिवहन विभाग ने सलाहकार एजेंसी डीआरए को कानूनी पहलुओं के आधार पर आयुक्त डॉ. अभिजीत चौधरी को प्रस्ताव भेजा है। सलाहकार कंपनी ने अनुबंध के मुताबिक अंतिम नोटिस देकर दंड की रकम लगाने की अनुशंसा की है। मनपा आयुक्त डॉ. अभिजीत चौधरी ने प्रस्ताव को मंजूरी देने के बाद मंगलवार को आपूर्तिकर्ता एजेंसी को दंडात्मक कार्रवाई का नोटिस देने की प्रक्रिया होने की संभावना है।
72 करोड़ से 144 बसों का अनुबंध : महानगरपालिका को केन्द्र सरकार से 15वें वित्त आयोग की निधि से आपली बस सेवा में ई बसों के लिए निधि मिली है। करीब 72 करोड़ की निधि से 144 बसों की खरीदी के लिए हरियाणा की पीएमआई इलेक्ट्रो मोबिलिटी कंपनी से अनुबंध हुआ है। मनपा को 144 बसों को 4 चरण में कंपनी को मुहैया कराना था, लेकिन तमाम कोशिश के बाद भी कंपनी से केवल 22 बसों की ही आपूर्ति हुई है। कंपनी को आपूर्ति के बाद 50 रुपए प्रति किमी की दर पर संचालन, देखभाल और लागत मूल्य के रूप में मनपा से मिलेगा।
बसें तैयार, बैटरी की समस्या : महानगरपालिका से अनुबंध के मुताबिक पहले चरण में अगस्त माह में 14 बसों की आपूर्ति करना था, जबकि सितंबर माह में 10 बसें, 30 अक्टूबर तक 20 बसें और नवंबर माह के अंत तक 60 बसों की आपूर्ति करने का निर्णय हुआ था, लेकिन कंपनी ने अगस्त माह में केवल 10 बसों की ही आपूर्ति की है। एक माह पहले कंपनी को नोटिस देने पर मनपा को जवाब मिला। कंपनी के मुताबिक केन्द्र सरकार ने चीन से आयातित बैटरी पर पाबंदी लगा दी है। अब कंपनी को मेड इन इंडिया के तहत इंडिजीनियस बैटरी निर्माण करने का प्रयास कर रहा है। ऐसे में बैटरी निर्माण की प्रक्रिया के बाद दिसंबर माह के अंत तक बसों की आपूर्ति की जाएंगी। हालांकि इस आश्वासन के बाद भी आपूर्तिकर्ता कंपनी ने परिवहन विभाग को अनुबंध के मुताबिक पर्याप्त बसों की आपूर्ति नहीं की है। परिवहन विभाग के दबाव के चलते शु्क्रवार को 12 बसों की आपूर्ति की गई, जबकि 10 अन्य बसों को सप्ताह भर में भेजने का आश्वासन दिया है।
कड़ी कार्रवाई की प्रक्रिया जारी : पिछले कई माह से पीएमआई इलेक्ट्रो मोबिलिटी कंपनी को कई मर्तबा सूचना दी गई है, लेकिन लंबे इंतजार के बाद शुक्रवार को केवल 12 बसें मिल चुकी हैं, जल्द ही बसों की आपूर्ति करने का आश्वासन भी दिया है। बसों की आपूर्ति में देरी को लेकर अपना पक्ष रखा है, लेकिन इस पक्ष से परिवहन विभाग संतुष्ट नहीं है। आयुक्त के निर्देश पर नोटिस देने की प्रक्रिया की जा रही है। -रवींद्र पागे, प्रभारी प्रबंधक, परिवहन विभाग, मनपा