मराठा आरक्षण: राज्य सरकार से फिर दो-दो हाथ के मूड में मनोज जरांगे पाटील

  • 24 अक्टूबर तक मराठा आरक्षण नहीं मिला तो 25 से फिर आंदोलन
  • गांव में नेताओं के प्रवेश पर लगेगी रोक
  • हड़ताल-कैंडल मार्च और नेताओं को नो एंट्री

Bhaskar Hindi
Update: 2023-10-22 15:16 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मराठा आरक्षण को लेकर अब मनोज जरांगे पाटील ने सरकार के खिलाफ लड़ाई तेज करने का ऐलान किया है। जरांगे पाटील ने कहा कि अगर राज्य सरकार ने 24 अक्टूबर से पहले मराठा समाज को आरक्षण नहीं दिया तो वह 25 अक्टूबर से फिर से भूख हड़ताल शुरू करेंगे। उन्होंने कहा इस दौरान वह पानी भी नहीं पीएंगे, उनके साथ विभिन्न गांवों के मराठा समाज के लोग भी श्रृंखलाबद्ध आमरण अनशन करेंगे। इसके अलावा आरक्षण पर जब तक फैसला नहीं हो जाता तब तक संवैधानिक पद पर बैठे किसी भी राजनीतिक नेता को गांव में घुसने नहीं दिया जाएगा। हालांकि इस बीच मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मराठा समाज को एक बार फिर आरक्षण देने की बात कही है।

हड़ताल-कैंडल मार्च और नेताओं को नो एंट्री

मनोज जरांगे पाटील ने अंतरवाली सराटी में मीडिया से बातचीत में 25 अक्टूबर से श्रृंखलाबद्ध तरीके से भूख हड़ताल की बात दोहराई है। पाटील ने राज्य के मराठा समुदाय के लोगों को एक साथ आने की अपील भी की है। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से होगा और मराठा समाज कैंडल मार्च भी निकालेगा। जब तक मराठा समाज के आरक्षण का मुद्दा हल नहीं हो जाता, तब तक किसी भी राजनीतिक व्यक्ति को गांव में आने की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि अगर कोई विधायक या सांसद गांव में आना चाहता है तो वह तभी आ सकेगा जब आरक्षण को लेकर सरकार कोई फैसला कर देगी।

मराठा समाज को स्थाई आरक्षण देना सरकार की जिम्मेदारी- एकनाथ शिंदे

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मराठा समुदाय को आरक्षण देने के सवाल पर कहा कि मैंने कभी किसी से झूठा वादा नहीं किया है। उन्होंने कहा कि मराठा समाज को स्थाई आरक्षण देना सरकार की जिम्मेदारी है। पिछली सरकार में तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मराठा समुदाय को आरक्षण दिया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उसे रद्द कर दिया। राज्य सरकार इसको लेकर गंभीर है और इस पर युद्धस्तर पर कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मराठा समाज को सरकार को थोड़ा समय और देने की जरूरत है।

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