ओबीसी आरक्षण मामला: बॉम्बे हाई कोर्ट पहुंचे छगन भुजबल, अदालत ने सरकार और पिछड़ा वर्ग आयोग को हलफनामा दाखिल करने का दिया निर्देश

  • मामले की अगली सुनवाई 3 जनवरी को होगी
  • अदालत ने सरकार और पिछड़ा वर्ग आयोग को हलफनामा दाखिल करने का दिया निर्देश

Bhaskar Hindi
Update: 2023-11-08 15:22 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई। पिछड़ा जाति (ओबीसी) वर्ग के आरक्षण को रद्द करने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिकाओं में हस्तक्षेप याचिका (इंटरवीन पीटिशन) दायर करने के लिए सोमवार को खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल बॉम्बे हाई कोर्ट पहुंचे। हालांकि राज्य के महाधिवक्ता डा.बीरेंद्र सराफ ने इस मामले सुनवाई के लिए समय की मांग की, तो अदालत ने सुनवाई 3 जनवरी को रखी है। मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति आरिफ डॉक्टर की खंडपीठ के समक्ष बुधवार को बाला साहेब सराटे की ओर से वकील पूजा थोरात की दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। अदालत ने इस मामले में 10 दिसंबर तक राज्य सरकार और पिछड़ा वर्ग आयोग को हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। साथ ही याचिकाकर्ता सराटे को रिजाइंडर फाइल करने को कहा है।

जनहित याचिका के माध्यम से ओबीसी आरक्षण को समाप्त करने की हो रही कोशिश

राज्य सरकार में मंत्री छगन भुजबल ने पत्रकारों के साथ बातचीत में कहा कि हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर ओबीसी आरक्षण को समाप्त करने की कोशिश की जा रही है। ओबीसी आरक्षण में जितनी भी जातियों को शामिल किया गया है, वह उनमें से एक भी जाति को निकाले नहीं देंगे। उनका ओबीसी आरक्षण में मराठा समाज को शामिल करने का विरोध है।

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