सेशन कोर्ट: 26 वर्षीय व्यक्ति को पाक्सो के मामले में सुनवाई एक साल की जेल

  • पाक्सो के मामले में जेल
  • व्यक्ति 5 साल की बच्ची के शौचालय में ताक-झांक का पाया गया दोषी

Bhaskar Hindi
Update: 2023-11-27 14:26 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई. सेशन कोर्ट के विशेष पाक्सो अदालत ने 26 वर्षीय व्यक्ति को एक साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है और एक हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। उसे 5 साल की बच्ची द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले शौचालय में झांकने का दोषी पाया गया है।

विशेष न्यायाधीश छाया वी.पाटिल ने आरोपी को दोषी ठहराते हुए इस बात पर जोर दिया कि बच्ची को देखने के लिए दरवाजा खोलने का कृत्य बच्ची को आंशिक रूप से नग्न अवस्था में देखने के यौन इरादे को साबित करता है। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि पीड़िता शौच कर रही थी। आरोपी ने चोरी से टॉयलेट का दरवाजा खोल दिया और उसे देखता रहा था. इससे पता चलता है कि जब बच्ची नग्न अवस्था में थी, तो आरोपी का उसे देखने का यौन इरादा था। आरोपी सलीम शेख को भारतीय दंड संहिता की धारा 354सी (ताक-झांक) और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पाक्सो) अधिनियम की धारा 12 (यौन उत्पीड़न) के तहत दोषी पाया गया है।

5 वर्षीय पीड़िता सार्वजनिक महिला शौचालय का उपयोग कर रही थी और उसकी मां पानी की बाल्टी लेने गई थी। जब पीड़िता की मां पानी ले रही थी, तो आरोपी ने दरवाजा खोला और बच्ची पर नजर रखने की कोशिश की। पीड़िता ने शोर मचाया, तो भीड़ जमा हो गई।पीड़िता की मां ने आरोपी से पूछा कि तू इधर क्या कर रहा है? तो आरोपी मौके से भाग गया। आरोपी ने खुद को निर्दोष बताया था और दलील दी थी कि शिकायतकर्ता से झगड़े के कारण उसे मामले में झूठा फंसाया गया था। अभियोजन पक्ष द्वारा जांच और स्वतंत्र गवाहों ने अदालत को बताया कि उनके बीच कोई दुश्मनी नहीं थी।

न्यायाधीश ने कहा कि यह एक सार्वजनिक शौचालय था, लेकिन यह रिकॉर्ड पर स्थापित नहीं किया गया था कि यह महिलाओं का शौचालय था या पुरुषों का।आरोपी ने तर्क दिया कि शौचालय का उपयोग करने के लिए बाहरी लोग यह जांचते थे कि अंदर कोई है या नहीं। न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा कि अगर यह माना जाए कि यह पुरुष का शौचालय था और आरोपी इसका इस्तेमाल करने के लिए वहां गया था, तो जब शिकायतकर्ता ने उससे पूछा कि 'इधर क्या कर रहा है, तो उसके लिए शौचालय से भागना जरूरी नहीं था।

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