जबलपुर: पाँच दिन में ही दूसरी शादी रचाने वाली लुटेरी दुल्हन की पोल खुली

  • हटा पुलिस ने दबोचा, शहर के गढ़ा क्षेत्र का रहने वाला निकला गिरोह का सरगना
  • लुटेरी दुल्हन को उसके कथित परिवार के साथ पुलिस ने दबोच लिया।
  • पूछताछ में लुटेरी दुल्हन का जो सच उजागर हुआ वह चौंकाने वाला निकला।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-05-24 14:15 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। 15 मई को कंचन यादव बनकर सात फेरे लेने वाली दुल्हन अगले ही दिन जेवर व नकदी लेकर ससुराल से फरार हो गयी। इसके बाद 20 मई को उसने दूसरा ब्याह रचाया फिर ससुराल में लूटपाट कर भागने की फिराक में थी।

लेकिन उसकी पोल खुल गयी और लुटेरी दुल्हन को उसके कथित परिवार के साथ पुलिस ने दबोच लिया। इस गिरोह का सरगना जबलपुर के गढ़ा क्षेत्र में रहने वाला मोहित सोनी बताया जा रहा है।

पुलिस लुटेरी दुल्हन गिरोह से पूछताछ कर यह पता लगा रही है कि उनके द्वारा इस तरह की कितनी वारदातें की गयी हैं। वहीं पुलिस, गिरोह के सरगना की कुंडली खँगालने जबलपुर लेकर आ सकती है।

एसडीओपी नीतेश पटैल ने बताया कि हटा निवासी मनोज नेमा ने पुलिस को एक शिकायत देकर बताया था कि उसकी शादी किसी रेखा तिवारी नामक महिला से 20 मई को बांदकपुर में हुुई थी। उसने दुल्हन के परिवारवालों को विवाह खर्च के नाम पर डेढ़ लाख रुपए दिए थे।

शादी के दूसरे दिन ही दुल्हन ने पति से कहा कि उसके भाई की मौत हो गयी है और वह अपने मायके जाना चाहती है। पति को उसकी बात पर संदेह हुआ जिसके बाद उसने पतासाजी की और पुलिस को सूचना दी थी।

पूछताछ में लुटेरी दुल्हन का जो सच उजागर हुआ वह चौंकाने वाला निकला। उसने बताया कि 5 दिन पहले यानी 15 मई को उसने कंचन यादव बनकर विवाह किया था और शादी के दूसरे दिन ही ससुराल से जेवर व नकदी बटोरकर भाग निकली थी।

पूछताछ में खुला राज

पुलिस के अनुसार पति की शिकायत पर पुलिस ने कथित दुल्हन रेखा तिवारी को पकड़कर पूछताछ की। पहले तो उसने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया लेकिन जब पुलिस ने सख्ती बरती तो उसने पूरा राज खोल दिया। पूछताछ में पता चला कि लुटेरी दुल्हन बनकर ब्याह रचाने वाली रेखा तिवारी का असली नाम उमा लोधी है। वह अपने पिता रम्मू लोधी के कहने पर इस गिरोह में शामिल हुई थी।

पकड़े गए फर्जी रिश्तेदार

दुल्हन ने खुलासा किया कि लूटपाट के लिए उसका पूरा गिरोह है जो कि शादी के लिए रिश्तेदारों की भूमिका निभाता है। गिरोह का सरगना मोहित सोनी निवासी गढ़ा है और इसमें सचिन तिवारी निवासी सागर, बंडा निवासी रम्मू लोधी और दीनदयाल पांडे शामिल हैं। इसके बाद पुलिस ने दुल्हन के फर्जी रिश्तेदारों को दबोच लिया।

दर्जनों आधार कार्ड मिले

पकड़े गए गिरोह के सदस्यों के पास पुलिस को दर्जनों आधार कार्ड मिले। लुटेरी दुल्हन उमा लोधी के कई नामोंं से आधार कार्ड थे और जिसके जरिए वह शादी के लिए लोगों को अपने जाल में फँसाती थी।

गिरोह द्वारा ऐसे लोगों काे शादी के लिए तैयार किया जाता था जिनकी उम्र अधिक होती थी या फिर उनकी पहली पत्नी की मौत हो चुकी होती थी। उन्हें शादी के लिए तैयार करने के बाद लड़की वालों की आर्थिक स्थिति खराब होने की बात कहकर उनसे एक से डेढ़ लाख रुपए ऐंठ लिए जाते थे फिर शादी के बाद जेवर व नकदी लूटकर दुल्हन अगले शिकार पर निकल पड़ती थी।

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