जबलपुर: जो हमारे नेता तय करेंगे वही हमारा अभिमत होगा

  • नेता प्रतिपक्ष के चयन में फँसा पेंच, लोकसभा प्रभारी ने पार्षदों से की चर्चा
  • नेताओं के भाजपा में शामिल होने के बाद पार्टी में अंदरूनी कलह मची हुई है।
  • नेता प्रतिपक्ष का चयन जिले के इकलौते कांग्रेस विधायक लखन घनघोरिया और पूर्व वित्त मंत्री तरुण भनोत के पाले में पहुँच गया है।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-02-16 11:39 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। नगर सत्ता में विपक्षी होने के बाद कांग्रेस में अब नेता प्रतिपक्ष और नए अध्यक्ष के चयन को लेकर जमकर घमासान मचा हुआ है। महापौर समेत कई नेताओं के भाजपा में शामिल होने के बाद पार्टी में अंदरूनी कलह मची हुई है।

इसके कारण प्रदेश संगठन पर डैमेज कंट्रोल के साथ कार्यकर्ताओं का मनोबल मजबूत करना और आगामी लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन का दबाव बना हुआ है। इन्हीं तमाम बातों को लेकर गुरुवार को पीसीसी के निर्देश पर जबलपुर लोकसभा प्रभारी सुखदेव पांसे शहर प्रवास पर पहुँचे।

नेता प्रतिपक्ष को चुनने के लिए उन्होंने कांग्रेस पार्षदों की बैठक बुलाई थी। ऐसा माना जा रहा था कि इस बैठक में वोटिंग के आधार पर नेता प्रतिपक्ष चुना जाएगा। इसके लिए श्री पांसे ने कांग्रेस के सभी 30 पार्षदों से वन-टू-वन चर्चा की और उनके प्रजेंटेशन सुने।

इधर, सूत्रों का कहना है कि पूर्व और पश्चिम विधानसभा क्षेत्रों के पार्षदों ने श्री पांसे के साथ चयन समिति के सदस्यों के सामने स्पष्ट तौर पर कह दिया कि उनके नेता (विधायक व पूर्व विधायक) जो तय करेंगे, वो ही उनका अभिमत होगा।

इसलिए अब नेता प्रतिपक्ष का चयन जिले के इकलौते कांग्रेस विधायक लखन घनघोरिया और पूर्व वित्त मंत्री तरुण भनोत के पाले में पहुँच गया है।

शहर अध्यक्ष को लेकर मची खींचतान

कांग्रेस पार्षदों की बैठक के बाद श्री पांसे ने वरिष्ठ नेताओं के साथ संगठन के पदाधिकारियों की बैठक भी ली। इसमें नए शहर अध्यक्ष को लेकर रायशुमारी हुई लेकिन यहाँ भी जमकर खींचतान मची रही। बैठक में विधायक लखन घनघोरिया, पूर्व मंत्री तरुण भनोत, पूर्व विधायक विनय सक्सेना, संजय यादव, नीलेश अवस्थी, विभाष जैन व अभिषेक चौकसे चिंटू मौजूद रहे।

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