Jabalpur News: अब मानव रहित रिमोट ऑपरेशन से संचालित होगा 132 केवी का सबस्टेशन

  • मप्र ट्रांसमिशन कंपनी पायलट प्रोजेक्ट के तहत इसी माह जबलपुर में शुरू करेगी काम
  • प्रदेश में मानव रहित 132 केवी के तीन सब स्टेशन बनाने का काम इसी माह शुरू होगा।
  • सब स्टेशन का संचालन ऑपरेटर के माध्यम से किया जाता है।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-11-12 13:40 GMT

Jabalpur News: प्रदेश में बिजली सबस्टेशनों का संचालन अब आने वाले समय में पूरी तरह से मशीनों के जरिए संचालित किया जाएगा। मप्र पाॅवर ट्रांसमिशन कंपनी ने पायलट प्रोजेक्ट के तहत जबलपुर सहित इंदौर और भोपाल में एक-एक सबस्टेशनों का चयन किया गया है। ट्रांसमिशन कंपनी 132 केवी सब स्टेशन को मानव रहित बनाने की तैयारी कर रही है। प्रोजेक्ट के अंतर्गत सबस्टेशन पूरी तरह से स्वचालित होगा। सब स्टेशनों को बनाने का काम इसी माह में शुरू होगा।

इन सब स्टेशनों को एक जगह से कंट्रोल किया जा सकेगा

अभी सब स्टेशन का संचालन ऑपरेटर के माध्यम से किया जाता है। रिमोट ऑपरेशन के जरिए अब सब स्टेशनों का संचालन और माॅनिटरिंग का काम और सटीक हो जाएगा। उल्लेखनीय है कि वर्तमान में सब स्टेशन का कार्य मैन्युअली होता है। हर सब स्टेशन में तीन शिफ्ट में छह कर्मचारी कार्य करते हैं। लगभग 380 सबस्टेशनों पर नियमित कर्मी नहीं होने के कारण आउटसोर्स कर्मी भी ऑपरेटर की भूमिका निभा रहे हैं।

पूरी तरह ऑटोमेटिक होगा काम

प्रोजेक्ट के तहत जबलपुर के माढ़ोताल सब स्टेशन को अब पूरी तरह से ऑटोमेटिक रूप से संचालित किया जाएगा। सबस्टेशन को ह्यूमन मशीन इंटरफेस तकनीक से संचालित किया जाएगा। इसके अलावा भोपाल, इंदौर के एक-एक सब स्टेशन को रिमोट से कंट्रोल किया जाएगा। इसके ऑपरेशन के लिए एक भी कर्मचारी के बैठने और देखने की जरूरत नहीं होगी। जबलपुर में कन्वेंशनल माॅडल का प्रदेश का यह पहला सबस्टेशन होगा जो पूर्णत: स्वचालित होगा। इसे संचालित करने के लिए पैनल और कंट्रोल यूनिट के इंस्टॉलेशन का काम अभी जारी है।

27 करोड़ रुपए होंगे खर्च

जबलपुर के माढ़ोताल, भोपाल के अयोध्या नगर और इंदौर के सत्य साईं क्षेत्र के सब स्टेशनों को आधुनिक बनाने के लिए करीब 27 करोड़ रुपये खर्च होंगे। पायलट प्रोजेक्ट के सफल होने पर ट्रांसमिशन कंपनी चुनिंदा 220 केवी सब स्टेशन को भी रिमोट से संचालन करने की तैयारी में है। मप्र ट्रांसमिशन कंपनी के 400 केवी के 14, 220 केवी के 88 और 132 केवी 314 सहित कुल 416 सब स्टेशन हैं। इससे पहले 400 केवी के सब स्टेशन को रिमोट से चलाने की प्रक्रिया की जा चुकी है।

जीआईएस सबस्टेशन भी रिमोट से हो रहा ऑपरेट

देश में मप्र पाॅवर ट्रांसमिशन कंपनी एक ऐसी पहली पाॅवर यूटिलिटी है जिसने पाॅवर सेक्टर की अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है। साथ ही 400 केवी के सब स्टेशनों तथा जीआईएस यानी गैस इंसुलेटेड सब स्टेशन को रिमोट से ऑपरेट करने का कार्य किया है। जीआईएस आधुनिक स्टेशन हैं जो बेहद कम जगह पर बन जाते हैं।

प्रदेश में मानव रहित 132 केवी के तीन सब स्टेशन बनाने का काम इसी माह शुरू होगा। काम पूरा हो जाने के बाद सबस्टेशनों को सेंट्रलाइज्ड नियंत्रित किया जा सकेगा। यदि परिणाम अच्छे आए तो अन्य सब स्टेशन को भी मानव रहित करने की दिशा में काम किया जाएगा।

- सुनील तिवारी, प्रबंध संचालक मप्र पाॅवर ट्रांसमिशन कंपनी

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