जबलपुर: भागने की फिराक में होर्डिंग माफिया, 20 माह पहले खत्म हो चुकी है समय-सीमा

  • ननि अधिकारियों से सांठगांठ करके 10 साल का करा लिया था एग्रीमेंट
  • होर्डिंग माफिया निगम पर भारी पड़ रहा
  • एक यूनीपोल पर दोनों तरफ विज्ञापन फ्लैक्स लगाकर होर्डिंग माफिया मुनाफा कमा रहे हैं।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-05-29 08:32 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। नगर निगम अधिकारियों से सांठगांठ करने में माहिर ग्वालियर का होर्डिंग माफिया अपनी शर्तों पर नियम बनवाए और शहर के विभिन्न हिस्सों पर अपनी मर्जी से यूनीपोल लगा डाले। इस एजेंसी द्वारा न तो होर्डिंग नीति 2017 के नियम-शर्तों का ख्याल रखा और न ही नगर निगम होर्डिंग विभाग को मुनाफा देने जैसा कोई टैक्स का निर्धारण कराया।

बल्कि अपनी शर्त पर शहर के पॉश इलाके में मामूली किराया निर्धारित करके करीब 40 लोकेशन पर यूनीपोल लगा डाले। इतना ही नहीं ग्वालियर की इस एजेंसी ने शहर भर में यूनीपोल 10 साल तक लगे रहने की शर्त भी जोड़ ली, जिससे नगर निगम में अधिकारियों के फेरबदल होने के बाद भी उसके विरुद्ध कोई कार्रवाई न हो सके।

लेकिन न्यायालय में आपत्ति दर्ज कराने के बाद दीपक होर्डिंग एजेंसी ग्वालियर की यह शर्त हटा दी गई और इस एजेंसी को 3 साल तक यूनीपोल लगे रहने की छूट दे दी गई। न्यायालय द्वारा निर्धारित 3 साल की समय-सीमा खत्म हुए करीब 20 माह से ज्यादा का वक्त बीत चुका है।

इसके बाद भी न तो ग्वालियर की यह एजेंसी यूनीपोल हटा रही है और ही बकाया किराया जो लाखों रुपया है, उसे जमा कर रही है। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि ये होर्डिंग माफिया नगर निगम का किराया जमा किए बिना ही भागने के फिराक में है और नगर निगम के अिधकारी ऐसे होर्डिंग माफिया पर नकेल भी नहीं कस पा रहे हैं।

25 लाख से ज्यादा किराया बकाया

नगर निगम ने करीब 40 लोकेशन पर विज्ञापन करने के लिए महज सवा तीन लाख रुपये के किराये पर यूनीपोल लगाने की परमीशन जारी की गई है। इतने मामूली किराये के बाद भी ग्वालियर की दीपक एडवरटाइजिंग एजेंसी के द्वारा किराया हर महीनों जमा नहीं किया जा रहा है।

अभी तक नगर निगम होर्डिंग विभाग ने जो मांग पत्र बनाया है, उसके मुताबिक दीपक एडवरटाइजिंग का यूनीपोल लगाने का किराया 2577857 रुपये निकाला गया है। इस बकाया राशि में न तो चक्रवृद्धि ब्याज लग रहा है और न ही भारी भरकम जुर्माना लगाकर वसूली करने का कोई प्लॉन तैयार किया गया है।

ऐसे में ग्वालियर के इस होर्डिंग माफिया के हौंसले बुलंद हैं और वह गुपचुप तरीके से जबलपुर से बिना बकाया किराया जमा किए ही भागने की तैयारी कर रहा है। इसके बाद भी नगर निगम के अधिकारी कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं।

एमआईसी नहीं कर पा रही निर्णय

दीपक एडवरटाइजिंग एजेंसी के द्वारा लगे यूनीपोल की समय-सीमा 10 साल से घटाकर न्यायालय के आदेशानुसार 3 साल कर दिया गया। इसी निर्णय के अनुसार नगर निगम होर्डिंग विभाग ने दीपक एडवरटाइजिंग के यूनीपोल हटाने की फाइल कमिश्नर नगर निगम के पास भेजी गई।

चूंकि उक्त फाइल पर अंतिम निर्णय लेने का अिधकार नगर निगम एमआईसी मेंबर्स को है। लिहाजा निगमायुक्त कार्यालय से एमआईसी में भेजी गई फाइल महीनों से पड़ी है। होर्डिंग माफिया की रसूखदारी के चलते एमआईसी मेंबर भी निर्णय नहीं कर पा रहे हैं। जबकि दीपक एडवरटाइजिंग एजेंसी की समय-सीमा 20 माह पहले ही खत्म हो चुकी है।

ग्वालियर की कंपनी विज्ञापन से कर रही मुनाफाखोरी

ग्वालियर की दीपक एडवरटाइजिंग एजेंसी नगर निगम जबलपुर पर भारी पड़ती दिख रही है। इस एजेंसी की समय-सीमा 3 अक्टूबर 2022 को समााप्त हो चुकी है। इसके बाद भी शहर के मुख्य चौराहे व सड़क किनारे विज्ञापन करके मुनाफाखोरी की जा रही है।

इतना ही नहीं इस एजेंसी द्वारा विगत कई माह से होर्डिंग विभाग नगर निगम का बकाया टैक्स भी जमा नहीं किया जा रहा है। आम आदमी के संपत्तिकर और जलकर पर अिधभार लगाकर मार्च के अंत तक ऐनकेन प्रकारेण बकाया टैक्स की वसूली तो कर ही ली जाती है। लेकिन होर्डिंग एजेंसी को इतने लंबे समय तक क्यों छूट देकर रखी गई है? यह समझ से परे है।

नियमों की धज्जियां उड़ा रहे यूनीपोल

दीपक एडवरटाइजिंग द्वारा शहर के जिन हिस्सों पर यूनीपोल लगाए गए हैं। वे सबके सब होर्डिंग नीति 2017 के नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। कहीं फुटपाथ पर यूनीपाल लगा दिये हैं तो कहीं डिवाडर में यूनीपोल गाड़ दिया गया है।

एक यूनीपोल पर दोनों तरफ विज्ञापन फ्लैक्स लगाकर होर्डिंग माफिया मुनाफा कमा रहे हैं। चौराहे-तिराहे की निर्धारित दूरी का तो बिल्कुल ख्याल ही नहीं रखा गया है।

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