भरी बारिश में शुरू हुआ गोटमार: दोपहर तक नहीं पहुंचे एसपी- कलेक्टर, जेसीबी से गाड़ा गया झंडा, 50 से अधिक हुए घायल

Bhaskar Hindi
Update: 2023-09-15 09:41 GMT

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा/पांढुर्ना. गुरूवार-शुक्रवार की दरमियानी रात तेज बारिश के बावजूद शुक्रवार की सुबह से ही गोटमार में पत्थर चलने लगे। शहर के सावरगांव क्षेत्र की बड़ी पुलिया के दोनों ओर सैकड़ों की संख्या में खिलाड़ी आमने-सामने पथराव करने लगे। हालांकि जाम नदी में अत्यधिक पानी के कारण दोनों पक्षों के बीच पथराव का फासला बढ़कर सौ मीटर से अधिक हो गया। इसके बावजूद दोपहर दो बजे तक 75 से अधिक घायल हुए। इसके पहले सुबह से ही मां चंडीका देवी के मंदिर में भक्तों का तांता लग गया। सुबह 10 बजे तक सैकड़ों लोगों ने झंडे का दूर से ही पूजन किया।

देर रात जेसीबी से गाड़ा गया झंडा...

यह दशकों बाद पहला अवसर है जब गोटमार के दिन जाम नदी पर एक दिन पहले से ही बाढ़ की स्थिति बनी रही। 80 के दशक में बनी बड़ी पुलिया के ऊपरी सतह के थोड़े नीचे से पानी बहते रहा। सावरगांव पक्ष के लोगों ने जेसीबी की मदद से झंडा गाड़ा। बताया जा रहा है कि हर साल झंडे के गाड़ने का स्थल सावरगांव की ओर बढ़ता जा रहा है। इस साल नदी के ठीक बीच में झंडा गाड़ा गया। नदी में अत्यधिक पानी होने के कारण झंडा टूटने की संभावना कम होती नजर आ रही है। वहीं दूसरी ओर नदी में बाढ़ होने के चलते प्रशासन ने एनडीआरएफ की टीम को बोट से नदी में पेट्रोलिंग करने के निर्देश दिए।

विविध रूप में नजर आए खिलाड़ी...

मेलास्थल पर पांढुर्ना वासियों ने जिला पांढुर्ना के बैनर लगाकर पांढुर्ना के जिला बनने पर खुशी जाहिर की। मेले में कई खिलाड़ियों ने विविध रूप धारण कर खेल को रोचक बना दिया। जिसमें एक युवक क्रिकेट के बैट्समैन की वेशभूषा में शामिल हुआ, तो एक युवक ने नीम की पत्तियों के वस्त्र बनाकर बारिश का आव्हान किया। इस बार भी खिलाड़ियों में युवा वर्ग की संख्या बढ़ती नजर आई। बारिश के चलते दोपहर 2.30 बजे तक प्रशासनिक व्यवस्था के तहत एसपी-कलेक्टर नही पहुंच सके। मेले के सारे प्रशासनिक निर्देश एसडीएम आरआर पांडे देते नजर आए। वहीं एसडीओपी व टीआई ने पुलिस की व्यवस्था लगवाई।

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