जामसांवली मंदिर ट्रस्ट अध्यक्ष के खिलाफ फूटा आक्रोश
अविश्वास प्रस्ताव को लेकर कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन, बैठक के बाद जोड़ दिए आजीवन सदस्यों के नाम
डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा/पांढुर्ना. हनुमान लोक बनने जा रहे जामसांवली के चमत्कारिक श्री हनुमान मंदिर ट्रस्ट कमेटी के सदस्यों ने अध्यक्ष के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सोमवार को ट्रस्ट कमेटी के 17 सदस्यों ने पांढुर्ना कलेक्टर अजय देव शर्मा को पत्र सौंपते हुए मंदिर ट्रस्ट कमेटी के साधारण सभा की बैठक बुलाने और अध्यक्ष धीरज चौधरी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की मांग रखी। कलेक्टर ने आश्वस्त किया कि वे शीघ्र ही उचित निर्णय लेंगे। मंदिर के लिए सर्वमान्य सुव्यवस्थाएं बहाल कराई जाएगी।
ट्रस्ट के सदस्यों ने कलेक्टर को बताया कि 22 नवंबर को प्रबंध कार्यकारिणी समिति की बैठक हुई थी। नियमित विषयों के बाद सभी सदस्यों ने हस्ताक्षर कर दिए। इस दौरान ट्रस्ट के अध्यक्ष धीरज चौधरी ने प्रबंध कार्यकारिणी के सदस्यों से कहा था कि बैठक के प्रोसिडिंग रजिस्टर खाली जगह में ऑडिट से संबंधित प्रस्ताव लिखे जाएंगे। बाद में पता चला कि सौंसर क्षेत्र के बाहर के जिनका मंदिर से कोई सरोकार नही है, उन्हें स्थाई सदस्य बनाया गया और बैठक कार्यवाही में जोड़ दिया गया।
सदस्यों ने आरोप लगाया कि कुछ महीनों से मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष छल-कपट और अवैधानिक प्रक्रिया से कार्य कर रहे हंै। उनके द्वारा सदस्यों को जानकारी के बगैर दूसरे स्थाई सदस्य जोडऩे का प्रस्ताव लिया गया। इसी प्रकार मंदिर ट्रस्ट के सदस्यों और कर्मचारियों के खिलाफ झूठे व निराधार आरोप लगाकर नोटिस दिए जा रहे हंै। इससे अधिकांश सदस्य दुखी और भयभीत हंै। इस दौरान ट्रस्ट के उपाध्यक्ष दादाराव बोबड़े, टीकाराम कारोकार, संतोष डवरे, प्रदीप बुटे, नितिन मोहगांवकर, मनोहर शेलकी, महादेव मत्रे, पांढुरंग बोबड़े, संजु डवरे, श्रीराम डवरे, पंजाबराव येलमुले, वसंतराव येलमुले, वसंता शेलकी, एड.एमएन खंडाईत, रामराव डवरे और वासुदेव कारोकार उपस्थित रहे।
अध्यक्ष ने आरोपों को नकारा
ट्रस्ट के अध्यक्ष धीरज चौधरी ने ट्रस्टी सदस्यों द्वारा लगाए गए आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि सभी आरोप निराधार और राजनीति से प्रेरित हैं। 11 सदस्यों की कार्यकारिणी बैठक में आठ सदस्य शामिल हुए थे। सभी ने इन विषयों पर सहमति दी थी। इनमें से तीन सदस्यों ने राजनीतिक दबाव में शिकायतकर्ताओं का साथ दिया है। हमने ट्रस्ट के बायलॉज के अनुरूप ही भारत के नागरिकों को ही सदस्य बनाया गया है। शिकायत की जांच पर वे भी अपना पक्ष भी रखेंगे।