फैसला: दोहरे हत्याकांड के चारों आरोपियों को आजीवन कारावास
- इन्हीं ने मेरे माता-पिता की हत्या की थी, मुझे भी बका मारा था
- दोहरे हत्याकांड के चारों आरोपियों को आजीवन कारावास
डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। जुन्नारदेव के वार्ड नम्बर-५ में साढ़े तीन साल पहले बेटे की आंखों के सामने माता-पिता को मौत के घाट उतार दिया गया था। बेटे पर भी बका से प्राणघातक हमला किया गया था। कोर्ट ने सबूत और चश्मदीद गवाह के बयान पर चारों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
अपर लोक अभियोजक पंकज श्रीवास्तव ने बताया कि १६ दिसंबर २०२० की रात १.३० बजे से १.४० बजे के बीच जुन्नारदेव के वार्ड नम्बर-५ में रहने वाले दंपति जमुना प्रसाद एवं शांति उर्फ भूरी बाई की निर्मम हत्या की गई थी। बेटे शुभम पर भी जानलेवा हमला किया गया था। इस मामले में पुलिस ने घायल शुभम के बयानों के आधार पर आरोपी दीनू की पहचान सुनिश्चित कर अन्य तीन लोगों के खिलाफ भी हत्या व हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया था। कोर्ट में चश्मदीद गवाह शुभम ने आरोपियों की पहचान कर कोर्ट को बताया था कि इन्हीं ने उसके माता-पिता की हत्या की थी और उस पर भी जानलेवा हमला किया था। मंगलवार को अपर सत्र न्यायाधीश जुन्नारदेव दीपराज कवड़े ने गवाहों और सबूतों के आधार पर आरोपी दीनू पिता सुमरसिंग परतेती (३५), रतिलाल पिता जगदीश मर्सकोले (२२), राजेश पिता उमरास मर्सकोले (२५) एवं रुपेश पिता सुरेश मर्सकोले (२३) निवासी ग्राम बिलावर कला को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। वहीं प्रत्येक आरोपी को ६-६ हजार सजा से दंडित किया है।
हत्या के प्रयास में भी आजीवन कारावास
तत्कालीन टीआई मुकेश द्विवेदी ने इस मामले में दोहरे हत्याकांड में धारा ३०२ और जानलेवा हमले के मामले में धारा ३०७ में अपराध दर्ज किया था। कोर्ट ने जानलेवा हमले की धारा में भी आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। पैरवी विशेष लोक अभियोजक गंगावती डेहरिया एवं अपर लोक अभियोजक पंकज श्रीवास्तव ने की थी।