मैं जिंदा हूं.... पिता, भाई बरी, एसडीओपी पर कार्रवाई के लिए आईजी को निर्देश
लापता बेटी की हत्या के जुर्म में पुलिस ने दर्ज किया था हत्या का मुकदमा
डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। सिंगोड़ी के ग्राम जोपनाला से लापता नाबालिग की हत्या के मामले में अमरवाड़ा की अदालत ने मंगलवार को फैसला सुनाया। जिसमें तत्कालीन अमरवाड़ा एसडीओपी के खिलाफ झूठा प्रकरण दर्ज करने के तहत अनुशासनात्तक कार्रवाई करने आईजी को निर्देश दिए हैं। वहीं पुलिस के द्वारा बनाए गए आरोपी पिता-पुत्र को बरी कर दिया है।
गौरतलब है कि सिंगोड़ी चौकी के जोपनाला निवासी कंचन उईके 13 जून 2014 को लापता हो गई थी। परिजनों ने बेटी के लापता होने की शिकायत दर्ज कराई थी। इस मामले में पुलिस ने लापता कंचन की हत्या के आरोप में पिता सन्नू और भाई सोनू को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। दो साल बाद कंचन घर लौटी और पुलिस अफसरों को झूठे प्रकरण में बंद पिता और भाई को रिहा करने की गुहार लगाई। अधिवक्ता सुबोध श्रीवास्तव ने बताया कि मंगलवार को अपर सत्र न्यायाधीश अमरवाड़ा ने आरोपी सन्नू और सोनू को बरी करते हुए तत्कालीन जांच अधिकारी अमरवाड़ा एसडीओपी संतोष डेहरिया पर कार्रवाई के आदेश दिए हैं।
तो किसकी थी वह लाश
कंचन की हत्या के आरोप में पुलिस ने पिता-पुत्र को गिरफ्तार कर घर के पीछे से एक कंकाल बरामद किया था। सिर पर डंडा मारकर हत्या का प्रकरण बनाया था। इस विवेचना में पुलिस ने जो कंकाल बरामद किया था, वह किसका था अब तक पहेली बना हुआ है।