मौसम की मार: डायरिया और वायरल के बढ़े पेशेंट, ओपीडी 1 हजार के पार

  • उल्टी-दस्त, तेज बुखार के मरीजों से वार्ड फुल
  • सामान्य दिनों की अपेक्षा अभी ओपीडी में दोगुने मरीजों आ रहे हैं।
  • इस मौसम में डायरिया, वायरल और वैक्टिरियल इंफेक्शन के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-08-02 07:45 GMT

डिजिटल डेस्क,छिंदवाड़ा। बारिश के मौसम में लोग उल्टी-दस्त और वायरल इंफेक्शन का शिकार हो रहे हैं। दूषित पानी और भोजन के सेवन में लापरवाही लोगों को बीमार कर रही है। जिला अस्पताल के की ओपीडी एक हजार के पार हो चुकी है, हालात यह हैं कि मेल-फीमेल मेडिकल, बच्चा वार्ड मरीजों से भरे हुए हैं।

इस मौसम में डायरिया, वायरल और वैक्टिरियल इंफेक्शन के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। एमडी मेडिसिन डॉ. मनीष गठोरिया ने बताया कि मौसमी बीमारियों के मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ी है।

सर्दी-खांसी, गले में दर्द-खरास, शरीर दर्द के साथ तेज बुखार के मरीजों में भी इजाफा हुआ है। उल्टी-दस्त पीडि़तों को भर्ती कर इलाज दिया जा रहा है। सामान्य दिनों की अपेक्षा अभी ओपीडी में दोगुने मरीजों आ रहे हैं।

ओपीडी की स्थिति

तारीख ओपीडी आईपीडी

29 जुलाई 1266 303

30 जुलाई 1189 266

31 जुलाई 1305 256

डायरिया का प्रकोप... बतरी और खापाबिहारी में हालात सामान्य

चांद के ग्राम खापाबिहारी में पिछले तीन दिनों से डायरिया व मौसमी बीमारी का प्रकोप बना हुआ था। यहां पचास से अधिक पेशेंट उल्टी-दस्त का शिकार हुए थे। जिन्हें भर्ती कर इलाज दिया गया। चौरई बीएमओ डॉ.नीरज ने बताया कि लगातार तीन दिनों से स्वास्थ्य टीम गांव में सर्वे कर रही है। डार टू डोर जाकर लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण कर रही है। गुरुवार को गांव में दो डायरिया के पेशेंट मिले थे। जिन्हें भर्ती कर इलाज दिया जा रहा है।

संक्रामक बीमारियों का खतरा बढ़ा

इस मौसम में वायरल इंफेक्शन का खतरा रहता है। इस वजह से बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ख्याल रखना चाहिए। बच्चों की इम्युनिटी काफी कम होती है, इस वजह से वे जल्दी बीमार पड़ जाते हैं। बच्चों को बारिश में भीगने न दे और खान-पान का विशेष ध्यान रखें।

मरीजों में यह लक्षण

उल्टी-दस्त होना।

सर्दी-खांसी और तेज बुखार।

गले में इंफेक्शन की समस्या।

शरीर में तेज दर्द और थकावट।

लम्बे समय तक कफ बने रहना।

आवाज में परिवर्तन आना।

रखें सावधानी

पानी उबालकर पिएं।

अधिक से अधिक पानी पिएं।

ज्यादा से ज्यादा आराम करें।

ताजा और पौष्टिक भोजन करें।

खुली खाद्य सामग्री का सेवन न करें।

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