निगम के सामने नगर सरकार का चार घंटे प्रदर्शन, अफसरों के खिलाफ दिया धरना
भैंस लेकर निगम कार्यालय पहुंचे महापौर और अध्यक्ष, 12 प्रस्तावों पर स्वीकृति के बाद भी काम नहीं करने का आरोप, निगम के सामने दिन भर चली नारेबाजी,
छिंदवाड़ा। निगम में अफसरों की कार्यप्रणाली के खिलाफ शुक्रवार को नगर सरकार ने चार घंटे तक प्रदर्शन किया। महापौर, अध्यक्ष, सभापति सहित कांग्रेसी पार्षदों ने अधिकारियों पर भाजपा के इशारे पर काम करने का आरोप लगाते हुए निगम के सामने नारेबाजी की। 12 प्रस्ताव अधिकारियों के सामने रखें, जिसको लेकर कहा जा रहा था कि एमआईसी में स्वीकृति के बाद भी ये काम शुरु नहीं किए जा रहे हैं।
शुक्रवार को निगम कार्यालय में सुबह से ही माहौल गरमा गया। कांग्रेस नेताओं ने अनोखा प्रदर्शन करते हुए निगम कमिश्नर को घेरा। कार्यालय के सामने भैंस बांधकर कांग्रेस पार्षदों ने बांसुरी बजाई। इस दौरान महापौर विक्रम अहके और अध्यक्ष धर्मेंद्र सोनू मागो ने जमकर नारेबाजी करते हुए आरोप लगाया कि आयुक्त भाजपा नेताओं के तो पूरे काम कर रहे हैं, लेकिन कांग्रेस पार्षदों के वार्ड में अड़ंगे लगा रहे हैं। जो 12 प्रस्ताव पहले एमआईसी में पास हो चुके हैं, उसे भी करने में आनाकानी की जा रही है। कर्मचारी वेतन को तरस रहे है, लेकिन इसके बाद भी अधिकारियों का ध्यान नहीं है। दोपहर 12 बजे से तकरीबन 4 बजे तक निगम के सामने गहमागहमी जारी रही। इस दौरान कांग्रेस पार्षदों ने खुलकर विरोध दर्ज कराया।
एमआईसी के सदस्य बोले लाएंगे निंदा प्रस्ताव
प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस पार्षद और एमआईसी सदस्यों का कहना था कि निगम में अधिकारियों की कार्यप्रणाली के खिलाफ हम जल्द ही निंदा प्रस्ताव लेकर आएंगे। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान द्वारा जानबूझकर यहां ऐसे अधिकारियों की नियुक्ति की गई है, जो शहर के विकास को प्रभावित कर रहे हैं।
तीन दिन पहले बनी थी आंदोलन की रूपरेखा
नगर निगम में शुक्रवार को हुए आंदोलन की रूपरेखा तीन दिन पहले ही बन गई थी। एमआईसी सदस्यों और कांग्रेस पार्षदों ने महापौर के कक्ष में बैठक लेते हुए अधिकारियों को घेरने की रणनीति तैयार की थी, ये आंदोलन तीन दिन पहले ही होना था, लेकिन राखी के त्यौहार के चलते प्रदर्शन को टाल दिया गया था।
इन 12 प्रस्तावों को लेकर प्रदर्शन
- पार्कों के सौंदर्यीकरण का प्रस्ताव दिया गया, लेकिन निर्णय नहीं लिया गया।
- जगत गुरु स्वामी स्वरुपानंद सरस्वती की प्रतिमा लगाई जानी थी, लेकिन अभी तक कार्रवाई नहीं हुई।
- सिमरिया तक नि:शुल्क बस सेवा शुरु होनी थी।
- विवाह हेतु सामुदायिक भवन के लिए भूमि चिन्हित कर आवंटन के प्रस्ताव पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
- नवीन गौशाला भवन का निर्माण भी आज तक शुरु नहीं किया गया।
- निगम क्षेत्र में दो खेल मैदान के लिए प्रस्ताव दिया गया।
- भरतादेव पार्क के डेवलपमेंट का प्रस्ताव भी ठंडे बस्ते में हैं।
- चार फाटक से सिवनी रोड पहुंचने के लिए ओवरब्रिज का प्रस्ताव भी अमल में नहीं आया।
- लालबाग पीजी कॉलेज रोड पर ओवर ब्रिज का निर्माण पर भी कार्रवाई नहीं हुई।
- सीवर लाइन में गुणवत्ताहीन कार्य हो रहा है। सडक़ों की हालत खस्ता हो गई है।
- कन्या विवाह में हुए भ्रष्टाचार पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
- शहर में आवारा कुत्तों के द्वारा आमजनों को काटने की घटनाएं बढ़ रही है, लेकिन उसके बाद भी टेंडर प्रक्रिया नहीं हो रही।
इनका कहना है...
- एमआईसी में जो 12 मुद्दे पास हुए थे उस पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। मुख्यमंत्री द्वारा जानबूझकर ऐसे अधिकारी को पदस्थ किया गया है जो छिंदवाड़ा के विकास को प्रभावित कर रहे हैं।
- विक्रम अहके
महापौर, नगर निगम
- विक्रम अहके अब तक के सबसे नकारा महापौर है। ऐसा आंदोलन करके कांग्रेस पदाधिकारी निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों पर डर का माहौल बनाना चाह रहे हैं।
-विजय पांडे
नेता प्रतिपक्ष
- जो 12 प्रस्ताव कांग्रेस पार्षदों ने बताए है उन सभी पर काम शुरु हो चुका है। पार्को के सौंदर्यीकरण के लिए 41 लाख की स्वीकृति शासन से प्राप्त हो चुकी है। जगत गुरु की प्रतिमा लगाने का स्वीकृति पत्र जारी हो चुका है।
- मोहन नागदेव
सचिव, एमआईसी