Chhindwara News: अविश्वास प्रस्ताव पर भाजपा के सात पार्षदों का विश्वासघात

  • 34 पार्षदों के बहुमत के दम पर भाजपा ने लाया था निगम अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव
  • सात भाजपा पार्षदों ने की क्रॉस वोटिंग
  • परिणामों की घोषणा के बाद जहां कांग्रेस पदाधिकारियों ने जमकर जश्न मनाया, वहीं भाजपा पार्षद निगम से गायब हो गए।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-10-09 12:13 GMT

Chhindwara News: भाजपा के सात पार्षदों के विश्वासघात सेे मंगलवार को नगर निगम अध्यक्ष धर्मेंद्र सोनू मागो के खिलाफ आया अविश्वास प्रस्ताव गिर गया। 34 पार्षदों के साथ भाजपा के बहुमत और 14 पार्षदों के साथ कांग्रेस के अल्पमत में होने के बावजूद निगम अध्यक्ष श्री मागो अपनी कुर्सी बचाने में कामयाब रहे।

आश्चर्यजनक परिणामों के बाद भाजपा का शीर्ष नेतृत्व सकते में हैं। वहीं भाजपा पार्षद एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं।

12 दिन पहले 27 सितंबर को भाजपा संगठन पदाधिकारियों ने अचानक ही पार्षदों की बैठक लेते हुए रात 11 बजे निगम अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था। मंगलवार को अविश्वास प्रस्ताव पर फाइनल फैसला होना था। बहुमत के आंकड़ों के दम पर भाजपा पदाधिकारी मानकर चल रहे थे कि अविश्वास प्रस्ताव पास होगा, लेकिन हुआ उल्टा... महापौर विक्रम अहके और 47 पार्षदों ने वोटिंग में हिस्सा लिया।

अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए 32 वोटों की जरुरत थी। भाजपा के 33 पार्षद और महापौर मिलाकर 34 पार्षदों का समर्थन था। लेकिन गुप्त मतदान के बाद अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 27 और विपक्ष में 21 वोट पड़े। भाजपा के सात पार्षदों ने क्रॉस वोटिंग करते हुए कांग्रेस को जीत दिला दी। परिणामों की घोषणा के बाद जहां कांग्रेस पदाधिकारियों ने जमकर जश्न मनाया, वहीं भाजपा पार्षद निगम से गायब हो गए।

महापौर के वोट पर कांग्रेस ने ली आपत्ति, जमकर हुई बहस

कलेक्टर शीलेंद्र सिंह की अध्यक्षता में सम्मिलन का आयोजन नगर निगम सभागृह में किया गया था। कांग्रेस पार्षद राहुल मालवी ने आपत्ति दर्ज कराई कि महापौर वोट नहीं डाल सकते हैं। आपत्ति में नियमों का हवाला दिया गया था। जिसमें पार्षद श्री मालवी का कहना था कि अध्यक्ष के निर्वाचन के समय महापौर वोट डाल सकते हैं। अविश्वास प्रस्ताव के समय नहीं। हालांकि इस आपत्ति को निर्वाचन अधिकारी ने खारिज कर दिया। इस बात पर पार्षद और निर्वाचन अधिकारी के बीच जमकर बहस हुई।

एक्सीडेंट के चलते एक पार्षद नहीं पहुंचे

48 पार्षदों को अविश्वास प्रस्ताव की वोटिंग प्रक्रिया में हिस्सा लेना था, लेकिन पिछले दिनों वार्ड क्रमांक 4 के पार्षद उदय सिंह पटेल का एक्सीडेंट होने के कारण वे वोटिंग में शामिल नहीं हो पाए। 47 पार्षद और महापौर ने वोटिंग की।

परिणाम के बाद एक ही सवाल...वो सात कौन?

चौंकाने वाले परिणाम आने के बाद निगम में हर किसी के जुबान पर एक ही सवाल था। वो सात कौन है? जिन्होंने भाजपा पदाधिकारियों की 15 दिन की मेहनत पर पानी फेर दिया। पुराने और नए नवेले भाजपाई एक दूसरे पर दोषारोपण कर रहे थे।

निगम में चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल

अध्यक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को लेकर मंगलवार को निगम में तगड़ी सुरक्षा व्यवस्था थी। निगम के अंदर प्रशासनिक अधिकारी और बाहर पुलिस ने तगड़े सुरक्षा इंतजाम किए थे। निगम के सामने आमजनों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई। यहां से जाने वाला मार्ग डायवर्ट कर दिया गया था।

कांग्रेसियों के खिले चेहरे, भाजपाई मायूस

11 बजे से शुरु हुई अविश्वास प्रस्ताव की निर्वाचन प्रक्रिया दोपहर 1 बजे तक जारी रही। जैसे ही परिणाम आए कांग्रेस पार्षदों ने निगम के बाहर जश्न मनाना शुरु कर दिया। वहीं भाजपाईयों के चेहरे मुरझा गए। भाजपा की एक महिला पार्षद के चेहरे पर आंसू साफ दिख रहे थे। धीरे-धीरे निगम के सामने कांग्रेस पदाधिकारियों की भीड़ बढऩे लगी, वहीं भाजपा पदाधिकारियों ने घर का रुख कर लिया।

इनका कहना है

ये लोकतंत्र की जीत

- आज साबित हो गया है कि सत्य कभी परेशान नहीं हो सकता है। जनता की सेवा के लिए हमें इस पद पर नियुक्त किया गया था। आगे भी हम जनता की सेवा जारी रखेंगे। ये जीत लोकतंत्र की जीत है।

- धर्मेंद्र सोनू मागो, अध्यक्ष, नगर निगम

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