जानलेवा मांझा: बाइक सवार युवक का कटा गला, १३ सेमी लम्बा और ७ सेमी चौड़ा घाव, हालत नाजुक
- बाइक सवार युवक का कटा गला
- १३ सेमी लम्बा और ७ सेमी चौड़ा घाव, हालत नाजुक
- मांझे से गले की सांस नली का ऊपरी हिस्सा और थाइराइड हड्डी कट गई
डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। चाइनीज मांझा लोगों के लिए घातक साबित हो रहा है। शहर में पिछले लगभग एक माह में दूसरा हादसा मंगलवार शाम सामने आया। सिवनी रोड पर पुराने कुंडीपुरा थाने के समीप बाइक सवार कुंडीपुरा के मारई निवासी ३० वर्षीय सतीश यादव का गला चाइनीज मांझे से बुरी तरह कट गया। ब्लड अधिक बहने से युवक की हालत काफी गंभीर है। प्राथमिक इलाज के बाद चिकित्सकों ने युवक को नागपुर रेफर किया है।
चायनीज मांझा से घायल सतीश को इलाज देने वाले ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. सुशील दुबे ने बताया कि चाइनीज मांझे से युवक के गले के सामने का हिस्सा १३ सेंटीमीटर लम्बा और ७ सेंटीमीटर चौड़ाई में कट गया था। मांझे से गले की सांस नली का ऊपरी हिस्सा और थाइराइड हड्डी कट गई थी। जिसकी वजह से उसके गले से रक्तस्त्राव अधिक हो रहा था। युवक की हालत काफी नाजुक है। प्राथमिक इलाज के बाद युवक को नागपुर रेफर किया गया है।
सिवनी रोड पर यह दूसरी घटना-
मंगलवार शाम को चाइनीज मांझे में उलझकर बुरी तरह से घायल सतीश के पहले भी दो लोग चाइनीज मांझे का शिकार हो चुके है। बीती २० दिसम्बर को पटाखा गोदाम के समीप बाइक सवार एक युवक का गला चाइनीज मांझे से कटा था। दूसरे के चेहरे पर गहरा घाव लगा था। इस घटना के बाद प्रशासनिक टीम ने बाजार में चाइनीज मांझा बेचने वालों को हिदायत देकर मांझा जब्ती की कार्रवाई की थी।
प्रशासनिक टीम ने की खानापूर्ति-
यूं तो चायनीज मांझा प्रतिबंधित है। पिछले दिनों प्रशासन और पुलिस की संयुक्त टीम ने चाइनीज मांझा विक्रेताओं की दुकान पर कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की थी। सख्त कार्रवाई न होने से बेखौफ दुकानदार आज भी बच्चों को खुलेआम चायनीज मांझा बेचा जा रहा है। प्रशासनिक सख्ती न होने से बाजार में बिक रहा चाइनीज मांझा किसी की जान ले सकता है।
चाइनीज मांझे के बारे में वह सबकुछ जो आप जानना चाहेंगे:
कहां से आ रहा मांझा:
प्रतिबंधित चाइनीज मांझा जिले व शहर में नागपुर और अमरावती के बाजार से पहुंच रहा है। पतंग व अन्य मटेरियल भी यहीं से आता है।
कितने बड़े व्यापारी:
अकेले छिंदवाड़ा शहर में चाइनीज मांझे के ३० से ४० व्यापारी हैं। जबकि छोटे दुकानदार तो बाजार के अलावा हर गली मोहल्ले में नजर आ जाएंगे।
कितनी खपत:
पतंग के सीजन यानी मकर संक्रांति के पहले हर साल करीब ७०० पिंडे की खपत होती है। एक पिंडे में करीब १० हजार मीटर चाइनीज मांझा आता है।
कितनी कीमत:
चाइनीज मांझे के एक पिंडे की थोक कीमत ३५० से ५०० रुपए, जबकि घिर्री में लपेटने के बाद महज १ से २ हजार मीटर मांजा इतनी ही कीमत का हो जाता है।
इसी मांझे का उपयोग क्यों:
चायनीज मांझे के तरफ लोग इसलिए भी आकर्षित होते हैं क्योंकि वह सामान्य मांझे से सस्ता होता है। सामान्य धागे की तरह इसमें मांझा देने की जरूरत नहीं होती।
घटनाएं कितनी:
दिसंबर की २० तारीख को मांझे से कटने की बड़ी घटना सामने आई थी। बाइक सवार चपेट में आकर घायल हुए थे। यह शुरूआत थी। हर साल की तरह घटनाएं और बढ़ेंगी। अकेले सरकारी अस्पताल के आंकड़ों के मुताबिक १ दर्जन से ज्यादा गंभीर घटनाएं हर साल सामने आती है।
क्या कहते हैं अधिकारी-
पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की संयुक्त टीम बनाकर कार्रवाई की जाएगी। चाइनीज मांझा जब्त करने के साथ व्यापारी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
- सुधीर जैन, एसडीएम