शर्मनाक...!: नहीं मिली एम्बुलेंस, पति को ठिलिया पर लेकर तीन किमी दूर अस्पताल पहुंची पत्नी
- जुन्नारदेव में खुली स्वास्थ्य सुविधाओं की पोल
- आर्थिक रूप से कमजोर है परिवार
- मदद की बजाए वीडियो बनाते रहे लोग
डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं की पोल खोलती तस्वीर गुरुवार को जुन्नारदेव में सामने आई है। यहां फोन करने पर भी एम्बुलेंस न आने पर लाचार महिला अपने बीमार पति को ठिलिया (हाथ ठेला) पर लेकर लगभग तीन किमी दूर अस्पताल पहुंची। दरअसल महिला के पति का भोपाल में एक्सीडेंट में पैर कट गया था। पैर का घाव गैंगरीन में बदल गया है। गुरुवार को तकलीफ बढऩे पर एम्बुलेंस या कोई अन्य साधन न मिलने पर आर्थिक रूप से कमजोर महिला ठिलिया पर पति को लेकर अस्पताल पहुंची थी।
बताया जा रहा है कि शहर के वार्ड नम्बर 11 निवासी गीता नागवंशी के पति 48 वर्षीय हेमंत के पैर में गैंगरीन हो गया है। गुरुवार को तकलीफ बढऩे पर गीता ने पड़ोसी से एम्बुलेंस के लिए फोन करने कहा था। एम्बुलेंस व्यस्त होने की वजह से काफी देर तक नहीं आई। तब मजबूरी में गीता दर्द से तड़प रहे पति को ठिलिया पर लेकर लगभग तीन किमी दूर अस्पताल पहुंची। इलाज के बाद गीता ठिलिया पर ही पति को लेकर वापस घर लौटी।
आर्थिक रूप से कमजोर है परिवार
गीता नागवंशी का परिवार जर्जर मकान में रहता है। उसकी बेटी और बेटा है। बेटा पिछले आठ दिनों से बाहर है। मां और बेटी मजदूरी कर किसी तरह जीवनयापन करती है। पति का पैर कटने के बाद से परेशानी और बढ़ गई है।
इंसानियत हुई शर्मसार, मदद की बजाए वीडियो बनाते रहे लोग
पति को ठिलिया पर लेकर गीता शहर के मुख्य मार्गों से होकर अस्पताल पहुंची थी। पसीने से तरबतर महिला को देख लोग मोबाइल से वीडियो बनाते रहे। महिला की मजबूरियों पर लेख लिखकर और स्वास्थ्य व शासन-प्रशासन की लचर कार्यप्रणाली को धिक्कार देने वाली पोस्ट के साथ सोशल मीडिया पर वीडियो भी वायरल किए गए, लेकिन शर्म वाली बात यह कि महिला की मदद के लिए कोई आगे नहीं आया।
क्या कहते हैं अधिकारी
108 एम्बुलेंस का संचालन भोपाल कंट्रोल रूम से होता है। एम्बुलेंस किन परिस्थितियों में मरीज तक नहीं पहुंच पाई। यह स्पष्ट नहीं है। महिला के पति का प्राथमिक इलाज कर दिया गया है। मरीज को जिला अस्पताल जाकर भर्ती होने की सलाह दी गई है।
- डॉ. रविन्द्र बाथम, बीएमओ, जुन्नारदेव।