Buldana News: इस बार सेना V/s सेना के बीच मुकाबले के आसार, जयश्री को मिल रहा है समर्थन

  • संजय गायकवाड की छवि काम करने वाले नेता की
  • भारी पड़ सकता है सतीश पवार का पाला बदलना

Bhaskar Hindi
Update: 2024-10-27 14:42 GMT

Buldana News : आगामी विधानसभा चुनाव की पृष्ठभूमि में सबकी नजर बुलढाणा विधानसभा क्षेत्र पर टिकी है। यह तो साफ हुआ है कि इस विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में शिवसेना (उद्धव गुट) विरूध्द शिवसेना शिंदे गुट का मुकाबला होने जा रहा है। हालांकि भीम आर्मी के सतीश पवार भी चुनावी मैदान में उतरे हैं। शिंदे शिवसेना की ओर से संजय गायकवाड़ का नाम तो तय ही है। उद्धव ठाकरे की शिवसेना की ओर से दूसरे चरण के लिए 15 प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर दी गई है। इसमें महाविकास अाघाड़ी में महत्वपूर्ण बुलढाणा विधान सभा के लिए जयश्री शेलके के नाम पर आखिरकार (उद्धव गुट) ने मुहर लगा दी है। माना जा रहा है कि महाविकास अघाड़ी ने वैकल्पिक योग्यता के अनुसार उनके नाम को प्राथमिकता दी है। जयश्री शिवसेना से विधानसभा नामांकन पाने वाली पहली महिला उम्मीदवार हैं।

संजय गायकवाड की छवि काम करने वाले नेता की : उद्धव ठाकरे समूह की पहली उम्मीदवार सूची में 65 उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की गई। अब पार्टी ने 15 और उम्मीदवार उतारे हैं, इस प्रकार कुल 80 सीटों पर नाम फाइनल कर दिए हैं। जयश्री शेलके को बुलढाणा से उम्मीदवारी मिलने पर उनके समर्थक और आम जनता खुशी जाहिर कर रही है तथा दूसरी ओर शिवसेना शिंदे गुट के संजय गायकवाड़ की पहचान विकास करने वाले नेता के रूप में बनी हुई है। मतदाताओं की चर्चाओं से यह साफ जाहिर हो रहा है कि, बुलढाणा शहर के सौदर्यीकरण, महापुरूषों के पुतलों का निर्माण, बुलढाणा में निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज, पक्के रास्ते यह विधायक संजय गायकवाड़ की देन है।

जयश्री को मिल रहा है समर्थन : दूसरी ओर जयश्री शेलके एक उत्कृष्ठ वक्ता है तथा किसानों के लिए संघर्ष करना उनकी विशेषता है और सबसे बड़ी बात यह है कि उनके साथ राहुल बोंद्रे, पूर्व विधायक हर्षवर्धन सपकाल, रविकांत तुपकर ने मविआ के साथ रहने का वादा किया है। विधवा मेला आयोजित करनेवाले प्रा. डी. एस. लहाने, शिवसेना संपर्क प्रमुख जालिंधर बुधवत, प्रा. नरेंद्र खेडेकर तथा उनके साथ शिवसैनिक, राकां शरद पवार की जिलाध्यक्ष रेखा खेडेकर, नरेश शेलके तथा राकां कार्यकर्ता ऐसे कई नाम जयश्री शेलके के साथ हैं।

भारी पड़ सकता है सतीश पवार का पाला बदलना : सतीश पवार को सबसे ज्यादा पहचान वंचित की ओर से मिली थी। आज भी ग्रामीण भागों में सतीश पवार का नाम वंचित नाम से ही पहचाना जाता है, क्योंकि जब वे वंचित में थे। तब उन्होंने किसानों व आम आदमी के लिए आंदोलन किए, जो हमेशा याद रखे जाएंगे। निर्दलीय प्रत्याशी बुलढाणा विधानसभा में कौन-कौन है, यह अभी साफ नहीं हुआ है। लेकिन निर्दलीय उम्मीदवारों की दावेदारी से उनकी जमानत बचेगी या नहीं, यह देखने वाली बात होगी। इस कारण मतदाताओं से यह समझ आता है कि, बुलढाणा में संजय गायकवाड़ विरुध्द जयश्री शेलके यही मुख्य मुकाबला होने वाला है।

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