भंडारा: एसडीपीओ बागुल ने अपने कार्यालय की महिला कर्मचारियों को भी प्रताड़ित किया
- वरिष्ठों से की थी शिकायत
- कार्यालय से एक माह पहले हटाया महिला स्टाफ
- पुलिस अधीक्षक मतानी ने बागुल को बुलाकर हरकतों से बाज आने की हिदायद दी थी
डिजिटल डेस्क, भंडारा. तत्कालीन उपविभागीय पुलिस अधिकारी डॉ. अशोक बागुल ने अपने कार्यालय की महिला कर्मचारियों को भी प्रताड़ित किया। इसे लेकर महिला कर्मचारियों ने पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से शिकायत की थी। जिसके बाद जिला पुलिस अधीक्षक लोहित मतानी ने बागुल को कार्यालय में बुलाकर अपनी हरकतों से बाज आने की हिदायद दी थी। लेकिन बागुल की करतूतों में किसी तरह का बदलाव नहीं हुआ।
आरोपी बागुल पर मामला दर्ज होने के एक माह पहले ही कार्यालय की सभी महिला कर्मचारियों को हटाकर दूसरे स्थानों पर भेज दिया था। बता दें कि 7 जून को लाखनी तहसील निवासी युवती ने भंडारा के तत्कालीन उपविभागीय पुलिस अधिकारी अशोक बागुल पर शारीरिक संबध बनाने की मांग करने का आरोप लगाया था। युवती पिछड़े वर्ग की होने से इस प्रकरण की गंभीरता समझते हुए पुलिस अधीक्षक ने बागुल के खिलाफ भंडारा थाने में शिकायत दर्ज करने के आदेश दिए।
आरोपी पर पीड़िता की शिकायत पर धारा 354 (अ), 509 के तहत मामला दर्ज किया गया। तब बागुल के चरित्र का भंडारा में पर्दाफाश हुआ। लेकिन इस घटना के कुछ माह पहले से ही बागुल के कार्यालय की महिला कर्मचारी वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को अपने साथ होने वाली प्रताड़ना से जुड़ी शिकायत कर चुकी थीं।
इन शिकायतों के बाद बागुल को पुलिस अधीक्षक मतानी ने समझाकर कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी। लेकिन महिलाओं को छेड़ने के आदी हो चुके बागुल ने अपनी हरकतें जारी रखी। जिससे पुलिस अधीक्षक मतानी ने बागुल के कार्यालय की सभी महिला कर्मचारियों को दूसरे स्थानों पर तैनात किया। अब आरोपी को जबरन छुट्टी पर भेज दिया गया है। आरोपी के खिलाफ जांच कर रिपोर्ट सरकार को भेजी गई है।
मामला दर्ज होने पर शिकायतें आयीं सामने
इस संदर्भ में जानकारी सामने आयी है कि अशोक बागुल पर मामला दर्ज होने के पश्चात अलग अलग थाने में महिलाएं शिकायत लेकर पहुंची थीं। उन्होने अपने साथ हुई प्रताड़ना की जानकारी पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी को दी। लेकिन महिलाएं आरोपी अशोक बागुल के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने के लिए तैयार नहीं थीं। जिसके चलते मामला दर्ज नहीं हो सका।