लोकसभा का रण: कतार तोड़कर पडोले पा गए टिकट, आस वालों में नजर आई नाराजगी
- प्रदेशाध्यक्ष पटोले की साख लगी दांव पर
- आस वालों में नजर नाराजगी आई
डिजिटल डेस्क, भंडारा, सागर भांडारकर | कांग्रेस ने शनिवार रात्रि भंडारा-गोंदिया लोकसभा सीट के लिए उम्मीदवार के रूप में डाॅ.प्रशांत पडोले के नाम की घोषणा की। टिकट पाने की कतार में कई लोग खड़े थे। जिले से कांग्रेस की टिकट के लिए अनेक नाम सामने आ रहे थे। जिनमें प्रमुख रूप से कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले, जिलाध्यक्ष मोहन पंचभाई, डाॅ.चंद्रकांत निंबार्ते, पूर्व विधायक सेवक वाघाये का समावेश रहा।
कांग्रेस के एक नेता ने दैनिक भास्कर से बातचीत में बताया कि पूर्व विधायक वाघाये ने मुंबई से दिल्ली तक कांग्रेस के शीर्ष नेताओं से मुलाकात कर टिकट पाने की पूरी कोशिश की। लेकिन कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले व वाघाये के बिच वर्षों से टकराव बना हुआ है। सेवक वाघाये को इसी के चलते टिकट से वंचित रहना पड़ा।
अब टिकट न मिलने से सेवक वाघाये व उनके समर्थक नाराज चल रहे है। वहीं जिलाध्यक्ष मोहन पंचभाई भी टिकट नहीं पा सके। ऐसे में पंचभाई व उनके समर्थक भी नाराज होने की जानकारी सामने आयी है।
प्रदेशाध्यक्ष पटोले की साख लगी दांव पर
भंडारा कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले का गृह जिला है। संपूर्ण महाराष्ट्र के लोकसभा सीट की तुलना में भंडारा-गोंदिया लोकसभा की सीट के परिणामों पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के साथ साथ विरोधी दल की भी नजरें रहेगी। कांग्रेस के उम्मीदवार को सबसे बड़ी चुनौती राकांपा के दिग्गज नेता प्रफुल्ल पटेल की है। महायुती के उम्मीदवार को जिताने प्रफुल पटेल की रणनीति रहेगी।
लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे डाॅ.परिणय फुके
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले ने भंडारा-गोंदिया लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने से मना किया तो अब भाजपा के डाॅ.परिणय फुके ने भी चुनाव लड़ने से मना कर दिया है। यहां बता दें कि पिछले तीन माह से भाजपा के सांसद सुनील मेंढे के साथ-साथ डाॅ.परिणय फुके का नाम लोकसभा सीट के लिए शीर्ष पर था। लेकिन फुके ने अचानक रविवार शाम को चुनाव लड़ने से मना कर दिया। इस संदर्भ में डाॅ.परिणय फुके बताया कि नाना पटोले पीछे हटे तो अब लड़ने का मन नहीं है। जबकि पार्टी कार्यकर्ता व उनके समर्थक चाहते थे कि भाजपा की टिकट पर वह भंडारा-गोंदिया लोकसभा सीट से चुनाव लड़े। इसके पहले भी मैंने नाना पटोले को चुनाव लड़ने के लिए चुनौती दी थी। पर पटोले चुनाव नहीं लड़ने वाले हंै। इसलिए पार्टी जिसे टिकट देगी, उसके लिए कार्य कर चुनाव में जीत हासिल करने का ऐलान फुके ने इस समय किया।