भंडारा: गोसीखुर्द बांध से प्रभावित ढीमर समाज के सदस्यों ने किया जलसमाधि आंदोलन

  • गोसीखुर्द बांध बनने से बुरी तरह प्रभावित हुआ ढीमर समाज
  • जलसमाधि आंदोलन कर आक्रोश जताया

Bhaskar Hindi
Update: 2024-02-28 12:59 GMT

डिजिटल डेस्क, पवनी (भंडारा), प्रशांत पिसे | गोसीखुर्द बांध बनने से बुरी तरह प्रभावित हुए ढीमर समाजबंधुओं ने अपनी विविध मांगों को लेकर मंगलवार, 27 फरवरी को जलसमाधि आंदोलन कर अपना आक्रोश जताया। विदर्भ युवाक्रांति संगठन के नेतृत्व में आंदोलनकारी ढीमर समाजबंधुओं ने गोसीखुर्द प्रकल्प के पानी में डूब चुके सोनेगांव के समाज मंदिर की छत पर चढ़कर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान विदर्भ युवा ढीमर समाज संगठन के अध्यक्ष हर्षल वाघमारे समेत कई ढीमर समाजबंधुओं ने गोसीखुर्द बांध के पानी में कूदकर जलसमाधि लेने का प्रयास किया। इसको देखते हुए लाइफ जैकेट पहनकर पुलिस दल ने यहां आंदोलन स्थल पर पहुंचकर आंदोलनकारियों को समझाते हुए पानी से बाहर निकालने का प्रयास किया, लेकिन वे नहीं मान रहे थे।

इसकी जानकारी मिलते ही उपविभागीय अधिकारी गजेंद्र बालपांडे, उपविभागीय पुलिस अधिकारी मनोज सिडाम, तहसीलदार महेंद्र सोनोने, पुलिस निरीक्षक नरेंद्र निस्वादे ने यहां आंदोलन स्थल पर पहुंचकर आंदोलनकर्ताओं की मांगों को पूर्ण करने का प्रयास करने का लिखित आश्वासन दिया। जिसके बाद सभी आंदोलनकारियों को नदी के पानी से सुरक्षित बाहर निकाला गया। इस समय संगठन के पदाधिकारियों ने बताया कि गोसीखुर्द बांध के लिए अनेक किसानों के खेतों का अधिग्रहण किया गया। इस दौरान प्रकल्पग्रस्तों को लाखों रुपयों का मुआवजा दिया गया। पर मत्स्य व्यवसाय करने वाले तथा बगीचे लगाने वाले ढीमर समाज बंधुओं को लाभ से वंचित रखा गया। ऐसे में ढीमर समाज के सामने रोजगार की बड़ी समस्या निर्माण हो गई।

ढीमर समाज द्वारा तरबूज के बगीचे लगाएं जाते थे। लेकिन गोसीखुर्द बांध बनने के बाद वैनगंगा नदी पर निर्भर रहने वाला ढीमर समाज आज सड़़क पर आ गया है। बताया गया कि कुछ माह में क्षेत्र में जल पर्यटन के दिशा में काम होनेवाले है। इस स्थान पर ढीमर समाज बंधुओं को शत-प्रतिशत आरक्षण देने, 50 प्रतिशत का प्रावधान ढीमर समाज को देने की मांग संगठन की ओर से की गई है। इस जलसमाधि आंदोलन में हर्षल वाघमारे, राकेश मेश्राम, श्रावण कांबडी, अशोक मानकर, विनोद मानकर, दत्तु भाजीपाले, धीरज मानकर, धीरज तलमले, सुरेश वाघधरे, ताजुला कांबली, सोमेश्वर मानकर, मुखरू शेंडे, नीरज तलमले समेत ढीमर समाजबंधु बड़ी संख्या में शामिल हुए थे।

शासन को सूचना देंगे

गजेंद्र बालपांडे, उपविभागीय अधिकारी के मुताबिक ढीमर समाज को बगीचों के लिए प्रति परिवार दो एकड़ के अनुसार सहायता देने के लिए जिलाधिकारी के माध्यम से शासन स्तर पर सूचना दी जाएगी। पर्यटन रोजगार में ढीमर समाजबंधुओं को प्राथमिकता देने के लिए बैठक ली जाएगी। पानी के बहाव में मत्स्य व्यवसायी का नुकसान हुआ तो तत्काल पंचनामा कर मुआवजा दिया जाएगा।


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