प्रयास: भंडारा जिले के विकास में पुणे के सिम्बायोसिस स्कूल की टीम दे रही योगदान
विकास कार्य को मिलेगी गति
डिजिटल डेस्क, भंडारा। जिले का विकास सुनिश्चित हो तथा अचूक विकास नियोजन किया जा सके इस लिए जिला प्रशासन पुणे के सिम्बायोसिस स्कूल ऑफ इकॉनॉमिक्स की टीम की मदद ले रहा है। उपरोक्त शिक्षा संस्था की टीम गत दो दिनों से जिले में अलग-अलग जगह पर भेट दे रही है। इस टीम ने गुरुवार को मानेगांव के पशुवैद्यकीय अस्पताल, गराडा की गौशाला, आसगांव की चौरास शेतकरी उत्पादन कंपनी तथा भंडारा की ब्रास कंपनी को भेंट दी। जिसके बाद जिलाधिकारी योगेश कुंभेजकर के साथ मिलकर चर्चा की।
सिम्बासिस स्कूल के उपसंचालक डा. सुदीपा मजुमदार, प्राध्यापक डा. चांदनी तिवारी, प्राध्यापक डा. निहारिका सिंग,सीएम फेलो के नीलेश सालुंके उपस्थित थे। राज्य सरकार ने वर्ष 2027 तक महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था एक ट्रिलियन डॉलरर बनाने का लक्ष्य रखा है। इस उद्देश्य में भंडारा जिले का अधिक से अधिक योगदान रहे इस के लिए जिलाधिकारी योगेश कुंभेजकर के मार्गदर्शन में जिला विकास नियोजन बनाने का काम चल रहा है। इस काम में शिक्षा संस्था के नामचीन संस्थाओं की सहायता लेने का काम हो रहा है। संस्था की टीम से अतिरिक्त जिलाधिकारी श्रीपती मोरे के मार्गदर्शन में चर्चा हुई। इस समय कृषि विज्ञान केंद्र के संशोधक, किसान, पशुपालक, उद्योजक, महिला बचत गुट आदि उपस्थित थे। इसस समय सिम्बायोसिस स्कूल ऑफ इकॉनामिक्स की डा. चांदनी तिवारी ने कहा कि जिले का क्षेत्रफल यह महाराष्ट्र की तुलना में केवल 1.2 प्रतिशत है। राज्य की तुलना में जिले की जनसंख्या 1.06 प्रतिशत है। जिले में प्राकृतिक संसाधन भरपूर है। धीमी गति से महाराष्ट्र विकास में योगदान दे सकता है।