नगर परिषद पर आरोप - श्वानों का ऑपरेशन कर भूखा-प्यासा रख कहीं भी छोड़ा जा रहा

  • श्वानों का ऑपरेशन कर भूखा-प्यासा छोड़ा
  • एजेंसी के खिलाफ कर रहे शिकायत
  • कर रहे नियमों का पालन

Bhaskar Hindi
Update: 2023-06-26 14:14 GMT

डिजिटल डेस्क, भंडारा. शहर में गत एक सप्ताह से चलाए जा रहे श्वानों के पशु जन्म नियंत्रण (एबीसी) को लेकर गंभीर स्वरूप की शिकायतें सामने आने लगी हैं। श्वानों के ऑरपेशन का जिम्मा नगर परिषद ने एनिमल वेलफेयर सोसाइटी के सचिन रंगारी को दिया है। नागरिकों द्वारा जिलाधिकारी व भंडारा पुलिस को दी गई शिकायत में श्वानों का ऑपरेशन कर उन्हें किसी भी क्षेत्र में छोड़ने के आरोप लगाए हैं। इन श्वानों को ऑपरेशन करने वाली एजेंसी भूखा – प्यासा रख रही है। ऐसे में एजेंसी व नगर परिषद के दोषी अधिकारियों पर फौजदारी मामला दर्ज करने की तैयारी पशु प्रेमियों ने की है। नगर परिषद द्वारा शहर के चांदनी चौक के समाजभवन में आवारा श्वानों के पशु जन्म नियंत्रण कार्यक्रम चलाया जा रहा है। शिकायतकर्ता नागरिकों ने आरोप लगाया है कि शहर के अलग-अलग हिस्सों से आवारा श्वानों को पकड़कर उनका आॅपरेशन कर शहर के किसी भी क्षेत्र में छोड़ा जा रहा है। जबकि एनिमल बोर्ड ऑफ इंडिया के अनुसार यह एक कानूनन अपराध है।

ऑपरेशन कर छोड़े गए इन श्वानों पर क्षेत्र के पहले से मौजूद श्वान हमला कर रहे हैं। नगर परिषद के माध्यम से एबीसी का काम करने वाली एजेंसी नियमों की धज्जियां उड़ा रही है। ऑपरेशन के स्थान पर सीसीटीवी कैमरे लगाना जरूरी है। पर वहां कैमरे तथा श्वानों से जुड़ा रिकाॅर्ड तक नहीं रखा जा रहा है। श्वानों को भूखा – प्यासा रखा जा रहा है। ऐसे में इन श्वानों पर अमानवीय तरीके से अत्याचार करने का आरोप पशुप्रेमी व नागरिकों ने लगाया है। 

एजेंसी के खिलाफ कर रहे शिकायत

सुरेखा माहुले, श्वान प्रेमी के मुताबिक श्वानों के ऑपरेशन के आंकड़े बढ़ाने के लिए एबीसी का काम करने वाली एजेंसी चार से पांच माह के छोटे श्वानों के भी ऑपरेशन करवा रही है। जहां नसबंदी हो रही है वहां बुरी तरह से गंदगी फैली हुई है। शहर के किसी भी क्षेत्र में श्वानों को छोड़ा जा रहा है। 24 जून को एजेंसी ने एकसाथ 12 श्वान छोड़े। उनपर स्थानीय श्वानों ने हमला किया। इस मनमानी के खिलाफ पुलिस में शिकायत दे रहे हैं।

कर रहे नियमों का पालन

विनोद जाधव, मुख्याधिकारी के मुताबिक एक माह की तैयारी के बाद पशुनियंत्रण कार्यक्रम शुरू किया गया है। जो श्वान बीमार है अथवा स्कीन की समस्या है उन्हें अलग रखा जा रहा है। लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद है। इस प्रक्रिया का नगर परिषद के दो कर्मचारी निरीक्षण कर रहे हैं। श्वानों को रेबिज इंजेक्शन भी दे रहे हैं।


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