नाबालिग को भगाने पर युवक को 20 वर्ष का सश्रम कारावास
- जिला व अतिरिक्त सत्र न्यायालय का निर्णय
- नाबालिग को भगाने का मामला
- युवक को 20 वर्ष का सश्रम कारावास
डिजिटल डेस्क, भंडारा. नाबालिग लड़की को भगाने वाले युवक को जिला व अतिरिक्त सत्र न्यायालय ने 20 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई। यह घटना अड्याल पुलिस थाने के तहत एक गांव में हुई थी। अपराधी का नाम पिंपलगांव निपानी निवासी महेंद्र राजकुमार सुखदेवे (26) है।
लड़की के माता – पिता परिजन के गांव गए थे। इस दौरान घर में दो बेटी व बेटा था। लड़की के पिता यह खेत मजदूर है। लड़की दसवीं कक्षा में अध्ययरत है। कोरोना के चलते लड़की यह घर में ही रहती थी। जब 18 सितंबर 2020 को घर वाले वापस लौटे तो दोपहर से लड़की घर में नहीं होने की जानकारी मिली। उसे आसपास ढुंढने पर भी जब वह नहीं मिली तो पुलिस को सूचना दी गई। इस दौरान पता चला कि 26 वर्षीय महेंद्र राजकुमार सुखदेवे ने नाबालिग लड़की का अपहरण किया है।
अड्याल पुलिस ने आरोपी पर धारा 363, 366 (अ), 376 (2) (एन) भादंवि उपधारा 4, 6 लैंगिक अपराध बाल संरक्षण अधिनियम 2012 के तहत मामला दर्ज किया। इस प्रकरण में सहायक पुलिस निरीक्षक भाग्यश्री कुलकर्णी ने घटनास्थल पर पहुंचकर जांच की। आसपास पूछताछ कर आरोपी को गिरफ्तार किया। इस प्रकरण में न्यायाधीश पी. बी. तिजारे ने सभी सबूतों को देखते हुए 20 वर्ष सश्रम कारावास तथा पांच हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। इस प्रकरण में जिला पुलिस अधीक्षक लोहित मतानी, अपर पुलिस अधीक्षक ईश्वर कातकडे, सहायक पुलिस निरीक्षक प्रशांत मिसाले के मार्गदर्शन में नायक प्रमोद कमाने ने पैरवी अधिकारी का कार्य संभाला।